उत्तराखंड आंदोलनकारियों को झटका, नौकरियों में कोटा खत्म होगा
नई दिल्ली(विवेक शुक्ला) उत्तराखंड में की सरकारी नौकरियों में राज्य गठन आंदोलनकारियों को दस प्रतिशत आरक्षण खत्म होने के हालात बन रहे हैं। दरअसल सरकार द्वारा पूर्व में निकाले गये शासनादेश को भवाली निवासी महेश चंद पंत की याचिका पर उच्च न्यायालय में केस चल रहा है।
इस मामले की सुनवायी कर रहे न्यायमूर्ति आलोक सिंह व न्यायमूर्ति सुर्वेश कुमार गुप्ता की खण्डपीठ के सामने कल प्रदेश सरकार ने जो बयान दिया उससे न्यायालय ने सरकार को इस आरक्षण सम्बंधी शासनादेश को वापस लेने को कहा। इस पर न्यायालय ने 24 जुलाई को सरकार से इस आशय के दस्तावेज पेश करने को कहे।
मांग की
उत्तराखंड आंदोलन से जुड़े आंदोलनकारियों का मानना है कि सरकार को इस आशय का संवैधानिक प्रावधान करना चाहिए था। ये मानते हैं कि सरकार में एक मजबूत तबका आंदोलनकारियों को फूटी आंख देखना नहीं चाहता।
होगी रक्षा
उधर, राज्य आंदोलनकारी कल्याण परिषद के उपाध्यक्ष धीरेन्द्र प्रताप ने कहा कि सरकार आंदोलनकारियों को सरकारी सेवाओं में दिये गये दस प्रतिशत आरक्षण की हर हाल में रक्षा करेगी।
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सरकार करे रक्षा
उधर, जानकारों की राय है कि आंदोलनकारियों ने किसी सुविधा या आरक्षण की मांग नहीं की थी। परन्तु जब सरकार ने यह आरक्षण दे कर आंदोलनकारियों का हितैषी होने का दंभ भर रही है तो फिर क्यों इसकी रक्षा नहीं कर रही है। हालांकि जानकार कह रहे हैं कि आंदोलनकारियों को सरकारी नौकरियों में लंबे समय तक नहीं मिल सकेगा आरक्षण।