पशु कटान: केंद्र सरकार के फैसले पर मद्रास हाइकोर्ट की रोक
सोमवार को पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने इस फैसले को असंवैधानिक बताते हुए चुनौती दी थी।
चेन्नई। केंद्र सरकार के पशु बाजारों में कटान के लिए मवेशियों की खरीद-फरोख्त पर प्रतिबंध लगाने वाले कानून पर मद्रास हाई कोर्ट चार हफ्तों के लिए रोक लगा दी है। बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने इस नए कानून को लेकर कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था।
चार हफ्ते में मांगा केंद्र से जवाब
मामले पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने केंद्र सरकार से इस फैसले पर चार हफ्तों में जवाब दाखिल करने को कहा है। मद्रास हाई कोर्ट की मदुरै बेंच ने इसे केंद्र सरकार का लोगों के खाने-पीने की आदत में गैर-जरूरी हस्तक्षेप बताया है। मद्रास हाई कोर्ट की मदुरै बेंच ने अंतरिम फैसला सुनाते हुए ये टिप्पणी की।
क्या खाना है, ये पर्सनल फैसला: कोर्ट
जस्टिस एमवी मुरधीधरन और जस्टिस सीवी कार्तिकयन ने सेल्वागोमति और आसिक इलाही बाबा की जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा कि खाने को चुनना एक व्यक्तिगत अधिकार है और किसी दूसरे को उसे तय करने का अधिकार नहीं है।
ममता ने दी थी चुनौती
सोमवार को पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने इस फैसले को असंवैधानिक बताते हुए चुनौती दी थी। मता ने कहा कि ना तो हम इस मानेंगे और ना ही हम इसके लिए बाध्य हैं। यह असंवैधानिक है। यह ऐसी सरकार है जो गाय के लिए आधार कार्ड रखना चाहती है। क्या खाना है और क्या नहीं इसका फैसला कोई सरकार नहीं कर सकती।
क्या है नया विवादित कानून
केंद्र सरकार ने एक नए कानून के जरिए काटने के लिए पशु बाजारों में मवेशियों की खरीद-फरोख्त पर प्रतिबंध लगा दिया है। पर्यावरण मंत्रालय ने पशु क्रूरता निरोधक अधिनियम के तहत सख्त पशु क्रूरता निरोधक (पशुधन बाजार नियमन) नियम, 2017 को अधिसूचित किया है। अधिसूचना के मुताबिक, पशु बाजार समिति के सदस्य सचिव को यह सुनिश्चित करना होगा कि कोई भी शख्स बाजार में अवयस्क पशु को बिक्री के लिए न लेकर आए। किसी भी शख्स को पशु बाजार में मवेशी को लाने की इजाजत नहीं होगी, जबतक कि वहां पहुंचने पर वह पशु के मालिक द्वारा हस्ताक्षरित यह लिखित घोषणा-पत्र न दे दे, जिसमें मवेशी के मालिक का नाम और पता हो और फोटो पहचान-पत्र की एक प्रति भी लगी हो। यह भी स्पष्ट करना होगा कि मवेशी को काटने के लिए नहीं बेचा जा रहा है।