मद्रास हाईकोर्ट के न्यायाधीश ने कहा- मुझे खुद जयललिता के निधन पर संदेह
5 दिसंबर की देर रात 11.30 बजे जयललिता का निधन हो गया था। हालांकि उनके निधन के बाद से ही सवालों और संदेहों का दौर शुरू हो गया।
चेन्नई। ऑल इंडिया अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (AIADMK) सुप्रीमो और तमिलनाडु की मुख्यमंत्री रहीं जयललिता के निधन पर हाईकोर्ट के न्यायाधीश ने शंका जताई है। कहा है कि जयललिता के निधन पर मीडिया ने कई तरह के संदेह जताए थे। मुझे खुद जयललिता के निधन पर संदेह है। यह बातें मद्रास हाईकोर्ट के न्यायाधीश वैद्यमंगलम ने कही हैं। उन्होंने कहा कि जयललिता की मौत के बाद संदेहों से पर्दा उठाया जाना चाहिए। इससे पहले भी इस तरह की मांगे उठ चुकी है। चेन्नई स्थित एक गैर सरकारी संगठन ने भी सर्वोच्च न्यायालय में याचिका दायर कर की थी।
याचिका
में
कहा
गया
था
कि
जयललिता
की
मौत
की
जांच
केंद्रीय
अन्वेषण
ब्यूरो
(CBI)
से
कराई
जाए
साथ
ही
उनके
इलाज
से
जुड़े
सारे
दस्तावेज
दिए
जाएं।
वहीं
जयललिता
के
निधन
के
ठीक
3
दिन
बाद
अभिनेत्री
गौतमी
तड़ीमला
ने
एक
ब्लॉग
लिख
कर
प्रधानमंत्री
नरेंद्र
मोदी
से
अपील
की
थी
कि
इस
मुद्दे
से
जुड़े
गोपनीयता
से
पर्दा
उठाया
जाना
चाहिए।
बता
दें
कि
75
दिनों
तक
चेन्नई
के
ही
अपोलो
अस्पताल
में
भर्ती
रहीं
जयललिता
की
बीमारी
और
इलाज
के
संबंध
में
सारी
जानकारी
पूरी
तरह
से
गोपनीय
रखी
गई
थी।
उनसे
बहुत
कम
लोगों
को
मिलने
दिया
गया।
कई
लोगों
का
तो
यहां
तक
मानना
है
कि
उनकी
मौत
के
पीछे
साजिश
रची
गई।
वहीं
जयललिता
के
निधन
के
24वें
दिन
उनकी
सहयोगी
और
करीबी
रहीं
शशिकला
नटराजन
को
AIADMK
का
महासिचव
बना
दिया
गया
है।
बृहस्पतिवार
को
AIADMK
की
जनरल
काउंसिल
की
मीटिंग
में
14
प्रस्ताव
पारित
कर
उन्हें
महासचिव
बनाया
गया।
इस
दौरान
एक
प्रस्ताव
में
कहा
गया
है
कि
'चिन्नम्मा
पार्टी
का
नेतृत्व
करेंगी।'
एक
अन्य
प्रस्ताव
में
कहा
गया
है
कि
शशिकला
तब
तक
के
लिए
पार्टी
महासचिव
पद
के
लिए
नियुक्त
की
जाती
हैं,
जब
तक
कि
कोई
नया
पार्टी
महासचिव
चुन
कर
नहीं
आ
जाएगा।
हालांकि
'चुनाव'
शब्द
के
लिए
प्रस्ताव
में
उल्लेख
मिलता
है
कि
बतौर
पार्टी
महासचिव
शशिकला
को
पार्टी
में
मिला
यह
नई
भूमिका,
उसी
तरह
से
जारी
रहेगी
जो
पद
पहले
जयललिता
के
पास
था।
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