अन्नाद्रमुक में फिर छिड़ी वर्चस्व की जंग, जयललिता की भतीजी दीपा बोलीं मैं हूं अम्मा की वारिस
दीपा का कहना है कि एमजी रामचंद्रन औैर अम्मा की जगह वो और किसी को कुबूल नहीं कर सकती हैं। वो तमिलनाडु और अन्नाद्रमुक के अधूरे कामों को पूरा करने के लिए राजनीति में आ रही हैं।
चेन्नई। तमिलनाडु की पूर्व मुख्यमंत्री और अन्नाद्रमुक की सर्वेसर्वा रहीं जे जयललिता के 5 दिसंबर को निधन के बाद पार्टी में वर्चस्व की लड़ाई रुकती नहीं दिख रही है। जयललिता की मौत के बाद ओ पनीरसेल्वम मुख्यमंत्री बने हैं तो पार्टी की कमान चिनम्मा के नाम से पहचानी जाने वाली शशिकला नटराजन के हाथों में है। माना जा रहा है कि शशिकला जल्दी ही मुख्यमंत्री पद का भी भार संभाल सकती हैं। इन सबके बीच जयललिता की भतीजी दीपा ने पार्टी पर अपनी दावा पेश किया है। 42 साल की दीपा जयकुमार जयललिता के भाई जयकुमार की बेटी है और उन्होंने खुद को पार्टी का वारिस बताया है।
अन्नाद्रमुक के संस्थापक एमजी रामचंद्रन की 100वीं जयंती पर मंगलवार को दीपा ने राजनीति में आने की घोषणा की है। उन्होंने कहा कि वो रामचंद्रन औैर अम्मा की जगह किसी को कुबूल नहीं कर सकती हैं। उन्होंने कहा कि तमिलनाडु और अन्नाद्रमुक कार्यकर्ताओं के अधूरे ख्वाबों को पूरा करने के लिए वो राजनीति में आ रही हैं और ये उनका अधिकार है, जो कोई छीन नहीं सकता है। माना जा रहा है कि 24 फरवरी को जयललिता की पहली जंयती पर वो अपने राजनीतिक सफर को लेकर कोई बड़ा ऐलान कर सकती हैं। बताया जा रहा है कि अगर अन्नाद्रमुक में उनकी एंट्री को रोका गया तो वो पार्टी को तोड़ भी सकती हैं। ये भी माना जा रहा है कि अन्नाद्रमुक का एक खेमा शशिकला नटराजन को कमजोर करने के लिए दीपा को सामने ला रहा है।
जययललिता
की
तरह
ही
दिखती
हैं
दीपा
सबसे
अहम
बात
ये
है
कि
दीपा
की
शक्लो-सूरत
अपनी
बुआ
जयललिता
से
काफी
मिलती-जुलती
है।
चेन्नई
में
उनके
जो
पोस्टर
लगाए
गए
हैं।
उनमें
वो
बिल्कुल
जयललिता
के
अंदाज
में
साड़ी
पहने
और
उन्ही
की
तरह
खड़ी
दिख
रही
हैं।
दीपा
ने
लंदन
से
पढ़ाई
की
है
और
काफी
तेज
तर्रार
मानी
जाती
हैं।
हालांकि
दीपा
जब
जयललिता
की
बीमारी
के
दौरान
उनसे
मिलने
अस्पताल
पहुंची
थी
तो
उन्हें
अपनी
बुआ
से
मिलने
नहीं
दिया
गया
था।
उन्होंने
खुद
को
जयललिता
के
अंतिम
संस्कार
में
आने
से
रोकने
का
भी
आरोप
लगाया
था।
पिछले
कुछ
समय
में
दीपा
के
घर
पर
कई
बार
उनके
समर्थकों
का
जमावड़ा
भी
देखने
के
मिला
है।
जयललिता
के
आरके
नगर
निर्वाचन
क्षेत्र
में
हाल
ही
में
'शशिकला
नहीं,
हमें
दीपा
चाहिए'
के
पोस्टर
भी
नजर
आए
थे।
हालांकि
अन्नाद्रमुक
के
प्रवक्ता
सीआर
सारस्वती
ने
पार्टी
में
दो-फाड़
होने
की
बात
को
पूरी
तरह
से
नकार
दिया
है।
उनका
कहना
है
कि
पार्टी
ने
शशिकला
को
अपना
नेता
चुना
है
और
चिनम्मा
के
साथ
पार्टी
पूरी
तरह
से
खड़ी
है।
उन्होंने
कहा
कि
कई
सालों
से
दीपा
और
अम्मा
ने
एक-दूसरे
को
देखा
तक
नहीं
था
और
अब
वो
अम्मा
की
वारिस
होने
की
बात
कह
रही
हैं।
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