डॉक्टरों ने बताया- सबसे अच्छा उपचार जयललिता को दिया गया, अंग खराब होने के चलते हुई मौत
मिलनाडु की पूर्व मुख्यमंत्री के निधन से पहले उनके इलाज में लगी हुई डॉक्टरों ने टीम ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि जयललिता को सबसे अच्छा उपचार दिया गया था।
चेन्नई। तमिलनाडु की पूर्व मुख्यमंत्री के निधन से पहले उनके इलाज में लगी हुई डॉक्टरों ने टीम ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि जयललिता को सबसे अच्छा उपचार दिया गया था। उन्होंने बताया कि जयललिता की मौत अंग काम न करने के कारण हुई थी। डॉक्टरों ने बताया कि अंगों का फेल होना जयललिता की मौत का मुख्य कारण था। ब्रिटेन के डॉक्टर रिचर्ड बिआले ने कहा कि जयललिता को सबसे बेहतरीन उपचार दिया गया था पर उन्हें डायबिटीज होने के कारण दिक्कतें बढ़ गई थीं।
ब्रिटेन के डॉक्टर रिचर्ड बिआले ने बताया कि शुरुआत में जयललिता की तबीयत ज्यादा खराब थी और वो कुछ समझ नहीं पा रही थीं। पर कुछ समय बाद सही इलाज के चलते वो बात करती थी और समझती भी थीं। इसलिए शुरुआत में उन्हें वेंटिलेटर पर रखा गया था। बिआले ने बताया कि अचानक ही जयललिता की तबियत खराब हो गई, जिसकी किसी को भी कोई उम्मीद नहीं थी। पत्रकारों ने सवाल किए कि 19 नवंबर को उपचुनावों के लिए चुनाव आयोग के जरूरी कागजातों पर नॉमिनी के लिए अंगूठा लगाते समय जयललिता की हालत कैसी थी। तो डॉक्टरों ने बताया कि उस समय वह ठीक थीं, पर उन्हें कमजोरी थी।
अपोलो अस्पताल के डॉक्टरों की टीम ने बताया कि उस समय जयललिता ने सारे पेपर खुद पढ़े, उस समय कमजोरी के चलते हस्ताक्षर न करके उन्होंने अंगूठा लगाया था। ब्रिटेन के डॉक्टर रिचर्ड बिआले से जब इस बावत पूछा गया कि क्या जयललिता के कमरे की तस्वीर जारी की जा सकती है, जब वो इलाज करवा रही थीं। तो रिचर्ड बियाले ने जवाब दिया कि हमारे पास उनकी कोई तस्वीर नहीं है। अगर हमारे पास होती भी तब भी हम प्राइवेसी के चलते इसे जारी नहीं करते।
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डॉक्टरों ने बताया कि निधन से पहले जे जयललिता ने साइन लैंग्वेज के जरिए कई दिनों तक बात कर रही थीं। डॉक्टरों ने बताया कि तीन महीने तक अस्पताल में भर्ती रहने के बाद 5 दिसंबर को अचानक जयललिता को दिल का दौरा आ गया था जिसके बाद 20 मिनट तक डॉक्टरों की टीम ने पूरी ताकत से उन्हें ठीक करने की कोशिश की, पर वो नाकाम रही। ब्रिटेन के डॉक्टर रिचर्ड बिआले ने बताया कि एक समय में जयललिता पूरी तरह से ठीक हो गई थीं। इलाज के दौरान बात करते हुए उन्होंने एक बार जयललिता से कहा कि मैं इंजार्च हूं तो जयललिता ने पलट कर जबाद दिया कि मैं इंजार्च हूं। उन्होंने बताया कि जब दूसरी बार राज्यपाल उन्हें देखने आए तो अपना अगूंठा ऊपर करके उन्हें दिखाया।