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तैयार रहें एक बार फिर हो सकती है कैश की किल्लत

नोटबंदी के बाद देश में नए एटीएम लगाने की संख्या में लगातार कमी आई है।

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नई दिल्ली। पिछले साल हुए नोटबंदी के बाद देश में कैश की भारी किल्लत हो गई थी। 500 और 1000 के नोट बंद किए जाने के बाद लोगों की लंबी-लंबी लाइनें एटीएम के बाहर देखने को मिल रही थी। एटीएम से पैसे निकालने के लिए घंटों तक लाइन में लगना पड़ता था। हलांकि धीरे-धीरे ये स्थिति सामान्य हो गई, लेकिन हो सकता है कि आने वाले दिनों में आपको इस तरह का नजारा फिर से देखने को मिल जाए। दरअसल नोटबंदी के बाद देश में नए एटीएम लगाने की संख्या में लगातार कमी आई है। माना जा रहा है कि इसकी वजह से एटीएम से कैश निकालने में आपको दिक्कत का सामना करना पड़ सकता है।

 नोटबंदी के बाद कम हुए नए एटीएम की संख्या

नोटबंदी के बाद कम हुए नए एटीएम की संख्या

दिसंबर 2016 से पहले देश में हर महीने करीब 800 से 1400 के बीच नए एटीएम लगाए जा रहे थे, लेकिन इसकी संख्या में लगातार कमी आई और अप्रैल 2017 तक इसकी संख्या 300 से नीचे पहुंच गई। आरबीआई के आंकड़ों के मुताबिक देश में कुल एटीएम की संख्या इस वक्त 307813 है।

 घटी नए एटीएम लगाने की संख्या

घटी नए एटीएम लगाने की संख्या

नोटबंदी के बाद से नए एटीएम लगाने की संख्या में तेजी से इजाफा हुआ था। सितंबर 2016 में ये संख्या 940 थी जो अक्टूबर में बढ़कर 1417 के पास पहुंच गई। नवबंर में ये संख्या 913 थी तो वहीं दिसंबर में इसमें कमी आई और ये संख्या 729 रह गई। लेकिन मार्च में ये संख्या अचानक नीचे पहुंच गई। मार्च 2017 में मात्र 145 नए एटीएम लगाए गए। जबकि अप्रैल में ये संख्या 267 तक पहुंची।

 डिजिटल ट्रांजैक्शन की वजह से घटी एटीएम की तादात

डिजिटल ट्रांजैक्शन की वजह से घटी एटीएम की तादात

बैंक अधिकारियों के मुताबिक नोटबंदी के बाद बैंकों का पूरा फोकस कैशलेश ट्रांजैक्शन को बढ़ावा देना है। बैंक अब मोबाइल बैंकिंग, नेट बैंकिंग जैसे डिजिटल ट्रांजैक्शन को बढ़ावा दे रहे है, जिसकी वजह से नए एटीएम के इंस्टॉलेशन में कमी आई है।

 बैंकों का मर्ज होना

बैंकों का मर्ज होना

पब्लिक सेक्टर बैंक भी एटीएम इंस्टॉलेशन में कमी आई है, जिसकी बड़ी वजह है बैंकों का मर्जर। एसबीआई में अभी हाल ही में 6 बैंकों का मर्जर हुआ है। जिसकी वजह से हाल के कुछ महीनों में बैंकों ने नए एटीएम लगाने की रफ्तार को कम किया है। सरकार चाहती है देश में 7 से 8 बड़े बैंक हो, इसलिए इस वक्त बैंकों के मर्जर पर ज्यादा फोकस किया जा रहा है।

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English summary
In coming Days you may face Cash Crisis as after Demonetisation Installation of New ATM Has Been Slow Down.
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