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जेपी गौड़: 218 रुपए वेतन पाने वाला इंजीनियर कैसे बना इतना बड़ा बिल्डर

By Anujkumar Maurya
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नई दिल्ली। नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्युनल की तरफ से जेपी इंफ्राटेक लिमिटेड कंपनी (जेपी बिल्डर्स) को दिवालिया घोषित कर दिया गया है। पूरे दिल्ली एनसीआर में जेपी बिल्डर्स के करीब 32 हजार फ्लैट्स हैं। आपको यहां यह जानकर हैरानी हो सकती है कि आज हजारों करोड़ की प्रॉपर्टी का मालिक किसी जमाने में बड़ी मुश्किल से चंद रुपए कमा पाता था। हम बात कर रहे हैं जेपी ग्रुप के चेयरमैन जेपी गौड़ की, जिन्होंने इस कंपनी को पाल-पोष कर बड़ा किया। आइए जानते हैं उनके बारे में कुछ खास बातें।

आईआईटी रुड़की से प्राप्त की शिक्षा

आईआईटी रुड़की से प्राप्त की शिक्षा

जेपी गौड़ का जन्म 2 जनवरी 1931 को उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर से करीब 7 किलोमीटर दूर स्थित गांव चिट्ठा में हुआ था। उनके पिता का नाम पंडित बलजीत सिंह था, जो उस दौरान एग्रीकल्चर इंस्पेक्टर थे और माता का नाम ज्वाला देवी था। पिता का अलग-अलग जगह ट्रांसफर होता रहा और उसी के साथ-साथ जेपी अलग-अलग जगह से शिक्षा प्राप्त करते रहे। जब वह उत्तर प्रदेश के अनूपशहर से अपनी 12वीं की पढ़ाई कर रहे थे, तभी उनका चयन रुड़की के थॉम्पसन इंजीनियरिंग कॉलेज में हो गया, जिसे आज आईआईटी रुड़की के नाम से जाना जाता है। वहां से उन्होंने सिविल इंजीनियरिंग में डिप्लोमा प्राप्त किया।

218 रुपए मिलता था वेतन

218 रुपए मिलता था वेतन

जिस समय हिंदुस्तान का बंटवारा हुआ, उसी दौरान पंजाब से आए अधिकतर शरणार्थी कॉन्ट्रैक्टर्स की तरह काम करते थे। यह काम बेतवा नदी पर माता टीला बांध बनाने का चल रहा था, जिसमें करीब 40,000 कामगार लगे हुए थे। वह करीब 7 साल तक वहां कठिन परिश्रम करते रहे। इसके बाद जेपी गौड़ को यह महसूस हुआ कि उन्हें सरकार की ओर से काम करने के सिर्फ 218 रुपए मिलते हैं, जबकि वहां काम करने वाले उनके साथ के कॉन्ट्रैक्टर्स हर महीने करीब 5000 रुपए कमा लेते थे।

नौकरी छोड़ शुरू किया अपना काम

नौकरी छोड़ शुरू किया अपना काम

1958 में जेपी गौड़ ने नौकरी छोड़ दी और अपना काम शुरू कर दिया। बस यहीं से शुरू हुई उनकी तरक्की। आज के समय में उनका जेपी ग्रुप काफी बड़ ग्रुप बन चुका है। ग्रेटर नोएडा को आगरा से जोड़ने वाला 165 किलोमीटर लंबा छह लेन वाला यमुना एक्सप्रेस वे जेपी ग्रुप की ही देन है। इसे जेपी ग्रुप की जेपी इंफ्राटेक लिमिटेड कंपनी ने बनाया है। पूरे दिल्ली एनसीआर में जेपी बिल्डर्स के करीब 32 हजार फ्लैट्स हैं।

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English summary
who is Jaiprakash Gaur, the chairman of jaypee group
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