वित्तीय समीक्षा: सस्ते घर और ब्याज के लिए अभी ना पालें उम्मीदें
सस्ते घर-कार की उम्मीद में लोगों को अभी और इंतजार करना पड़ सकता है। रिजर्व बैंक चालू वित्तवर्ष की ऋण एवं मौद्रिक नीति की तीसरी समीक्षा पेश करने वाला है। देश के ज्यादातर अर्थशास्त्रियों और विश्लेषकों का मानना है कि मौजूदा हालात को ध्यान में रखकर ब्याज दरों में किसी प्रकार के बदलाव की उम्मीद कम ही नज़र आ रही है।
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इस साल जून में उपभोक्ता मूल्य सूचकांक पर आधारित खुदरा महंगाई इससे मई के 8.3 प्रतिशत से घटकर 7.3 प्रतिशत पर आ गयी। मानूसन के दौरान अब तक औसत से कम बारिश होने और हाल के दिनों में सब्जियों और फलों की कीमतों में आयी तेजी से रिजर्व बैंक सतर्क हो गया है।
पिछली मौद्रिक समीक्षा में भी महंगाई के मद्देनजर ब्याज दरों को पहले जितना बनाये रखा था और अभी भी स्थिति लगभग वैसी ही दिखाई पड़ रही है। अब तक पूरे देश में औसतन सामान्य से 22 प्रतिशत कम बारिश हुई है व आगे भी मजबूत मॉनसून की संभावना फीकी ही नज़र आ रही है।