1 अप्रैल से बदल जाएंगे इनकम टैक्स से जुड़े ये 8 नियम
इन बदलावों में कुछ तो जनता के फायदे की बातें हैं, वहीं कुछ जनता को निराश करने वाली हैं। आइए जानते हैं अप्रैल से आयकर के कौन-कौन से 8 नियम बदल जाएंगे।
नई दिल्ली। इस बार पेश हुए बजट में सरकार की तरफ से आयकर को लेकर कई बदलाव किए गए हैं। नए बदलाव 1 अप्रैल से लागू होंगे। इन बदलावों में कुछ तो जनता के फायदे की बातें हैं, वहीं कुछ जनता को निराश करने वाली। आइए जानते हैं अप्रैल से आयकर के कौन-कौन से 8 नियम बदल जाएंगे।
आधा हुआ टैक्स
1- 2.5 लाख रुपए से 5 लाख रुपए तक लगने वाला टैक्स आधा हो जाएगा। पहले जो टैक्स 10 फीसदी लगता था, अब वह सिर्फ 5 फीसदी लगेगा। हालांकि, 87ए के तहत मिलने वाली छूट 5000 रुपए से घटाकर 2,500 रुपए कर दी गई है और उन करदाताओं को कोई छूट नहीं मिलेगी, जिनकी आय 3.5 लाख रुपए से अधिक है।
2- 50 लाख से 1 करोड़ रुपए की आय वाले लोगों पर 10 फीसदी का सरचार्ज लगेगा। मौजूदा समय में 1 करोड़ से अधिक की आय वालों पर लगने वाला 15 फीसदी का सरचार्ज वैसे ही लगता रहेगा।
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एक पेज का टैक्स फाइल करने का फॉर्म
3- टैक्स रिटर्न फाइल करने के लिए एक साधारण सा एक पेज का फॉर्म आएगा। यह फॉर्म उन लोगों के लिए होगा जिनकी आय 5 लाख रुपए तक है।
4- राजीव गांधी इक्विटी सेविंग स्कीम के तहत किए गए निवेश पर 2018-19 असेसमेंट ईयर में छूट नहीं मिलेगी। यह स्कीम यूनियन बजट में वित्त वर्ष 2012-13 के लिए घोषित की गई थी।
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अघोषित आय के लिए नियम
5- अगर आयकर अधिकारियों को किसी की 50 लाख से अधिक की अघोषित आय का पता चलता है तो वह उसके पिछले 10 सालों तक के टैक्स रिकॉर्ड को खंगाल सकेगी। मौजूदा समय में आयकर अधिकारी सिर्फ 6 साल तक की जांच कर सकते हैं। जो करदाता अपना टैक्स समय पर जमा नहीं करेंगे, उन्हें असेसमेंट ईयर 2018-19 से 10,000 रुपए की पेनाल्टी देनी होगी।
6- किसी प्रॉपर्टी को लॉन्ग टर्म गेन की तरह माने जाने की अवधि को तीन साल से घटाकर 2 साल कर दिए जाएगा। इस तरह से अगर दो साल के अंदर कोई प्रॉपर्टी बिक जाती है तो आप टैक्स में फायदा पा सकेंगे। इससे होने वाले मुनाफे से शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन माना जाएगा और उसी हिसाब से टैक्स लगेगा।
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कर्जदाताओं पर टैक्स
7- सरकार ने उन फायदों को घटा दिया है जो फायदा कर्जदाता रेंट पर दी गई प्रॉपर्टी से उठाते थे। मौजूदा नियम के अनुसार कोई कर्जदाता रेंट पर दी गई अपनी प्रॉपर्टी के होम लोन पर लगने वाले पूरे ब्याज को रेंट से हुई आय के साथ एडजस्ट कर सकते हैं, लेकिन अब रेंट से हुई आय का सिर्फ 2 लाख रुपए तक टैक्स में एडजस्ट किया जा सकेगा, बाकी का पैसा अगले 8 असेसमेंट ईयर तक कैरी फॉरवर्ड हो सकेगा।
8- नेशनल पेंशन सिस्टम से एक हिस्सा निकालने पर कोई टैक्स नहीं लगेगा। प्रस्तावित संशोधनों के अनुसार एनपीएस सब्सक्राइबर अपने कॉन्ट्रिब्यूशन का 25 फीसदी तक रिटायरमेंट से पहले निकाल सकता है, जबकि रिटायरमेंट पर 40 फीसदी तक की निकासी टैक्स फ्री होगी।
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