रिलायंस जियो के मुफ्त ऑफर को टीडीसैट ने दी हरी झंडी, ट्राई को दो सप्ताह में देना होगा जवाब
दूरसंचार विवाद निपटान एवं अपीलीय न्यायाधिकरण (टीडीसैट) ने रिलायंस जियो को अपने मुफ्त इंटरनेट और वॉयस कॉल वाले ऑफर को जारी रखने की अनुमति दे दी है।
नई दिल्ली। दूरसंचार विवाद निपटान एवं अपीलीय न्यायाधिकरण (टीडीसैट) ने रिलायंस जियो को अपने मुफ्त इंटरनेट और वॉयस कॉल वाले ऑफर को जारी रखने की अनुमति दे दी है। पर साथ ही में ट्राई को पत्र लिखकर फ्री सेवाएं देने वाले ऑफर की जांच करके दो सप्ताह के भीतर रिपोर्ट देने के लिए कहा है।
गुरूवार को टीडीसैट ने ट्राई से कहा कि वह दो हफ्तों के अंदर फ्री ऑफर को लेकर इसके होने वाले परिणामों और निष्कर्ष से हमें अवगत कराएं। आपको बताते चले कि पिछले सप्ताह टीडीसैट ने जियो के मुफ्त ऑफर पर रोक लगाने पर रोक लगाने की अंतरिम अपील पर ट्राई, भारती एयरटेल, आइडिया सेल्युलर, रिलायंस जियो समेत सभी पक्षों को सुनने के बाद अपना आदेश सुरक्षित रख लिया था।
देश की सबसे बड़ी टेलिकॉम कंपनी एयरटेल ने इस अपील में जियो को मुफ्त सेवाएं को जारी रखने की ट्राई की अनुमति पर रोक लगाने को लेकर टीडीसैट में अपील की थी। एयरटेल ने टीडीसैट से यह निर्देश भी देने की मांग की थी कि वह ट्राई को उसके फैसलों के सभी रिकॉर्ड सौंपे। साथ ही अपील में जियो को अपने ग्राहकों को मुफ्त प्लान रोकने के लिए भी कहा गया था।
गौरतलब है कि जियो ने पिछले साल 5 सितंबर को अपनी औपचारिक मुफ्त सेवाओं को लांच किया था और दिसंबर में उसने अपने मुफ्त ऑफर्स को 31 मार्च 2017 तक बढ़ाने की घोषणा कर दी थी। जियो के इस एलान के बाद एयरटेल और आइडिया ने जियो को फ्री ऑफर 90 दिनों के बाद भी जारी रखने की अनुमति देने के लिए ट्राई के खिलाफ टीडीसैट में अपील की थी। दोनों कंपनियों ने ट्राई की यह कहकर आलोचना की कि जियो नियमों की धज्जियां उड़ा रहा है और ट्राई कुछ नहीं कर पा रहा है। इससे पहले ट्राई ने 31 जनवरी को कहा था कि जियो का फ्री वॉयस कॉलिंग और डेटा प्लान गलत नहीं है।
साथ ही ट्राई ने यह भी कहा था कि जांच में जियो की ओर से 4 दिसंबर, 2016 को जारी किया गया 'हैपी न्यू इयर ऑफर' पहले वाले 'वेलकम ऑफर' से अलग है। इसलिए अब हैपी न्यू इयर ऑफर को वेलकम ऑफर का विस्तार नहीं माना जा सकता क्योंकि दोनों के ग्राहकों को दिए जाने वाले फायदो में अंतर है। आपको बताते चले कि जियो ने कहा है कि वह अपनी मोबाइल सर्विसेज के लिए 1 अप्रैल, 2017 से ग्राहकों से भुगतान लेने लगेगा।