कालेधन का पता लगाने के लिए आयकर विभाग जांच सकता है पिछले 10 साल का इनकम टैक्स रिटर्न
अगर किसी की 50 लाख रुपए से अधिक की अघोषित जमा राशि या संपत्ति सामने आती है, तो आयकर अधिकारी पिछले 10 साल के आयकर रिटर्न की छानबीन कर सकते हैं।
नई दिल्ली। कालेधन पर लगाम लगाने के लिए आयकर विभाग ने एक अहम कदम उठाया है। आयकर विभाग ने फैसला किया है कि अगर किसी की 50 लाख रुपए से अधिक की अघोषित जमा राशि या संपत्ति सामने आती है, तो आयकर अधिकारी पिछले 10 साल के आयकर रिटर्न की छानबीन कर सकते हैं। आपको बता दें कि मौजूदा समय में ऐसा होने पर सिर्फ 6 साल तक के आयकर रिटर्न की छानबीन की जा सकती थी। कालेधन पर लगाम लगाने के नजरिए से सरकार के इस कदम को काफी अहम माना जा रहा है।
वित्त मंत्री अरुण जेटली ने 1 फरवरी को पेश किए गए बजट 2017-18 में जांच पड़ताल की अवधि को 6 साल से बढ़ाकर 10 साल किए जाने का प्रस्ताव रखा है। सीबीडीटी के चेयरमैन सुनील चंद्रा ने बजट के बाद हुए एक सेमिनार में कहा है कि अगर हमें किसी जांच में 50 लाख रुपए से अधिक की अघोषित आय या संपत्ति मिलती है, जो 4 साल से अधिक पुरानी हो, तो उसकी जांच के लिए हम पिछले 10 साल तक के आयकर रिटर्न की जांच कर सकते हैं। वित्त विधेयक 2017 के अनुसार इनकम टैक्स एक्ट में किया गया यह संशोधन 1 अप्रैल 2017 से लागू होगा। इस तरह से कोई भी कर अधिकारी किसी व्यक्ति के आयकर रिटर्न की जांच 2007 तक कर सकता है।
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