फ्लैट देने में की देरी, अब कंपनी देगी रिफंड पर 14 फीसदी ब्याज
यूनीटेक ने हाल ही में गुड़गांव के विस्तास प्रोजेक्ट के तहत फ्लैट खरीदने वाले कई खरीददारों को करीब 17 करोड़ रुपए रिफंड किए थे। इस पर सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुनाया है।
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को रीयल एस्टेट कंपनी यूनीटेक को आदेश दिया है कि उसे रिफंड किए गए पैसों पर 14 फीसदी का ब्याज देना होगा। यूनीटेक ने हाल ही में गुड़गांव के विस्तास प्रोजेक्ट के तहत फ्लैट खरीदने वाले कई खरीददारों को करीब 17 करोड़ रुपए रिफंड किए थे। इस पर सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुनाया है। रिफंड पर दिए जाने वाले 14 फीसदी ब्याज की गणना 1 जनवरी 2010 से की जाएगी। सुप्रीम कोर्ट ने यूनीटेक को आदेश दिया है कि वह ब्याज के सारे पैसे आठ सप्ताह के अंदर सुप्रीम कोर्ट रजिस्ट्री में जमा करे।
17 करोड़ रुपए की यह धनराशि फ्लैट खरीदने वाले करीब 39 खरीददारों को रिफंड की गई थी। यह पैसे कंपनी की तरफ से इन फ्लैट खरीददारों को इसलिए वापस करने पड़ रहे हैं, क्योंकि कंपनी की तरफ से समय पर फ्लैट की डिलीवरी नहीं दी गई। इस बारे में सुप्रीम कोर्ट ने अक्टूबर में आदेश दिया था। साथ ही कोर्ट ने कहा था कि रिफंड किए जा रहे पैसों पर कितना ब्याज दिया जाना है, इसका निर्धारण बाद में करने का फैसला किया गया था। अब कोर्ट ने इन पैसों पर 14 फीसदी की दर से ब्याज चुकाने का आदेश जारी किया है। ये भी पढ़ें- साल भर में 56.4 फीसदी बढ़ गया सरकारी बैंकों का एनपीए, जानिए कितना हुआ
गुड़गांव के विस्तारा प्रोजेक्ट के मुताबिक फ्लैट के खरीददारों को 2012 तक फ्लैट दे दिए जाने चाहिए थे, लेकिन ऐसा नहीं हो सका। न्यायाधीशों ने यूनीटेक के उस ऑफर को भी नकार दिया, जिसमें उन्होंने कहा था कि वह अगले साल अप्रैल तक घर बनवाकर कुछ खरीददारों को दे देंगे। कोर्ट ने इस ऑफर को नकारते हुए कहा कि बहानेबाजी पर समय बर्बाद नहीं किया जा सकता।