माल्या की मुश्किलें बढ़ी, सुप्रीम कोर्ट ने जारी किया नोटिस
नई दिल्ली। सोमवार को सुप्रीम कोर्ट की ओर से जारी नोटिस के बाद विजय माल्या की मुश्किलें बढ़ती नजर आ रही हैं। अटॉर्नी जनरल मुकुल रोहतगी ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि विजय माल्या ने एक ब्रिटिश फर्म से उन्हें मिले चार करोड़ 50 लाख डॉलर के साथ अपनी पूरी संपत्ति का खुलासा नहीं किया है। इसके बाद न्यायालय ने माल्या को नोटिस जारी किया।
चार हफ्तों में मांगा जवाब
सुप्रीम कोर्ट ने अटॉर्नी जनरल के बयानों पर ध्यान देने के बाद माल्या को नोटिस जारी किया और भारतीय स्टेट बैंक के नेतृत्व वाले बैंकों के संघ की याचिका पर उन्हें चार सप्ताह में जवाब देने को कहा। याचिका में माल्या के खिलाफ अवमानना की कार्यवाही शुरू किए जाने की मांग की गई है।
कोर्ट ने मांगा था संपत्ति का विवरण
रोहतगी ने 14 जुलाई को दावा किया था कि माल्या ने सुप्रीम कोर्ट को एक सीलबंद लिफाफे में अपनी संपत्तियों की गलत जानकारी दी थी। उन्होंने बाद में कहा कि बहुत सी जानकारी छुपाई भी गई जिनमें 2500 करोड़ रुपए का नकदी लेन देन शामिल है।
इस सूचना को छुपाया जाना न्यायालय की अवमानना के बराबर है। इससे पहले कोर्ट ने माल्या से एक सीलबंद लिफाफे में उनकी संपत्तियों का विवरण मांगा था।
बैंकों ने लगाया जांच में मदद न करने का आरोप
हाल में बैंकों के संघ ने आरोप लगाया था कि माल्या उनके खिलाफ मामलों की जांच में सहयोग नहीं कर रहे और वह अपनी विदेशी पूंजी की जानकारी देने के इच्छुक नहीं हैं।
माल्या के जवाब के बाद दायर हलफनामे में बैंकों ने कहा है कि माल्या और उसके परिवार की विदेश स्थित संपत्ति की जानकारी उससे बकाये की वसूली के मामले में काफी अहम होगी।
क्या कहा था माल्या ने
माल्या ने कहा था कि बैंकों का उनकी विदेशी चल एवं अचल संपत्तियों संबंधी सूचना पर कोई अधिकार नहीं है क्योंकि वह 1988 से एक प्रवासी भारतीय है। उन्होंने यह दावा किया था कि उनके तीन बच्चे एवं पत्नी को भी उनकी संपत्तियों की जानकारी देने की आवश्यकता नहीं है। वे सभी अमेरिकी नागरिक हैं।
कोर्ट ने पूछा था कब पेश होंगे
कोर्ट ने माल्या को सात अप्रैल को आदेश दिया था कि वह 21 अप्रैल तक अपनी और अपने परिवार की भारत एवं विदेश में कुल संपत्तियों के बारे में खुलासा करे। कोर्ट ने उनसे यह भी बताने को कहा था कि वह कब उसके सामने पेश होंगे।