नोटबंदी पर RTI से बड़ा खुलासा, सरकार के पास भी नहीं है जवाब
भारतीय रिजर्व बैंक में एक आरटीआई डाली गई थी, जिस पर आरबीआई की तरफ से मिला जवाब काफी चौंकाने वाला है।
नई दिल्ली। जहां एक ओर सरकार ने दावा किया था कि नोटबंदी की घोषणा करने से पहले उसकी तैयारी पूरी थी वहीं हाल ही में एक आरटीआई द्वारा प्राप्त जानकारी कुछ और ही दास्तान बयां कर रही है।
नोटबंदी पर मोदी सरकार ने इतनी बार बदले नियम कि नहीं गिन पाएंगे उंगलियों पर
हाल ही में मुंबई के एक आरटीआई कार्यकर्ता ने इस मामले पर भारतीय रिजर्व बैंक में एक आरटीआई डाली थी, जिस पर भारतीय रिजर्व बैंक की तरफ से मिला जवाब काफी चौंकाने वाला है।
आरटीआई के अनुसार 8 नवंबर को भारतीय रिजर्व बैंक के पास सिर्फ 4.94 लाख करोड़ रुपए के ही 2000 रुपए के नोट थे। यह आंकड़ा कुल अमान्य हुए नोटों का लगभग एक चौथाई है।
छोटे कारोबारियों को सरकार ने दी राहत, रखी एक खास शर्त
आरटीआई के अनुसार 8 नवंबर को भारतीय रिजर्व बैंक के पास 9.13 लाख करोड़ रुपए के 1000 रुपए के नोट थे, जबकि 11.38 लाख करोड़ रुपए के 500 रुपए के नोट थे।
इस तरह से देखा जाए तो 500 और 1000 रुपए के कुल नोट 20.51 (9.13+11.38) लाख करोड़ रुपए के थे। आरबीआई के अनुसार 8 नवंबर को उसके पास 2000 रुपए के कुल 247.3 करोड़ नोट थे, जिनकी कुल कीमत 4.94 लाख करोड़ रुपए बनती है।
सरकार ने क्यों बदला नोट जमा करने का नियम, जानिए पीछे का गणित
क्या बोले वित्त सचिव
मंगलवार की सुबह हुई प्रेस कॉन्फ्रेंस में वित्त सचिव शक्तिकांत दास से जब आरटीआई से मिली इस जानकारी के बारे में पूछा गया तो वह खुद भी आरटीआई की जानकारी को पूरी तरह से नकार नहीं सके।
शक्तिकांत दास ने कहा- भारतीय रिजर्व बैंक में दो तरह के नोट होते हैं, एक वो नोट जो सर्कुलेशन में होते हैं और एक वो नोट जो भारतीय रिजर्व बैंक ने छापे होते हैं, लेकिन वह सर्कुलेशन में नहीं होते। जो नोट सर्कुलेशन में नहीं होते हैं वह भारतीय रिजर्व बैंक के पास या प्रिंटिंग प्रेस में हो सकते हैं, जिन्हें सर्कुलेशन में जारी नहीं किया गया।
वे बोले- आरटीआई से मिली जो जानकारी पेपर में छपी है, वह संभवतः यही नोट हो सकते हैं, जो रिजर्व बैंक ने छापे तो हैं, लेकिन वो सर्कुलेशन में नहीं हैं। जब इस बारे में वित्त मंत्री अरुण जेटली से पूछा गया कि आखिर कितने नोट सर्कुलेशन में हैं, इसे लेकर संशय बना हुआ है, तो जेटली ने इसका कोई सीधा जवाब न देते हुए बात टाल गए।