गूगल का दस्तावेज हुआ लीक, कंपनी पर लगे लिंगभेद के आरोप
नई दिल्ली। एक दस्तावेज लीक होने के चलते गूगल कंपनी विवादों में आ गई है। दस्तावेज के अनुसार तकनीक के क्षेत्र में महिला नेतृत्व का अभाव जैविक कारणों के चलते है। जब से यह दस्तावेज लीक हुआ है, तब से ही कंपनी विवादों में घिर गई है। इस दस्तावेज में एक अज्ञात पुरुष सॉफ्टवेयर इंजीनियर ने कहा है- मैं सिर्फ यह कह रहा हूं कि महिलाओं और पुरुषों के बीच वरीयता और क्षमता में अंतर होता है और इसी से यह बात भी साफ होती है कि क्या हमें तकनीक और नेतृत्व में समान प्रतिनिधित्व नहीं दिखता है?
दस्तावेज लिखने वाले ने कहा है कि पुरुष का स्वभाव उन्हें एक अच्छा कंप्यूटर प्रोग्रामर बनाता है, जबकि महिलाओं का झुकाव विचारों की तरफ न होकर भावनाओं और कला की ओर होता है। इसका मतलब है कि कलात्मक क्षेत्र में काम को अधिक महत्ता दी जाती है। लीक हुए इस दस्तावेज को अमेरिका की मीडिया ने लिंगभेद करार दिया है, जिसके बाद अब एक बड़ी बहस छिड़ गई है।
लैंगिक भेदभाव को लेकर एक बड़ी बहस छिड़ना एक तरीके से सही भी है क्योंकि सिलिकॉन वैली में बहुत सी महिलाएं ऐसी हैं, जो लैंगिक भेदभाव की शिकायत खुलेआम कर चुकी हैं। गूगल की नई वाइस प्रेसिडेंट ऑफ डायवर्सिटी डैनियल ब्राउन ने अपने कर्मचारियों को एक ईमेल किया है, जिसमें लिखा है कि यह वैसा कोई विचार नहीं है, जिसका वह खुद या फिर उनकी कंपनी प्रचार करती है या फिर उसे बढ़ावा देती है।