रेलवे अब बनाएगा हाई-स्पीड से चलने वाली माल गाड़ियां!
भारतीय रेलवे माल ढोने की स्पीड को और ज्यादा तेजी से बढ़ाने के लिए अब हाई पॉवर लोकोमोटिव फ्रेट ट्रेनों का निर्माण करेगा।
नई दिल्ली। भारतीय रेलवे माल ढोने की स्पीड को और ज्यादा तेजी से बढ़ाने के लिए अब हाई पॉवर लोकोमोटिव फ्रेट ट्रेनों का निर्माण करेगा।
भारतीय रेलवे की योजना है कि माल ढोने की स्पीड बढ़ाने के लिए अगले 11 सालों में करीब 800 ट्रेन इंजन का निर्माण किया जाए। भारतीय रेलवे इन इंजनों का निर्माण फ्रांस की कंपनी एल्सटॉम के साथ मिलकर करेगा। इन सभी इंजनों का निर्माण बिहार के मधेपुरा में स्थित लोकोमोटिव फैक्टरी में करेगा। भारतीय रेलवे के एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक रेलवे क्षेत्र में यह पहला बड़ा एफडीआई है।
पीटीआई के मुताबिक एक लोकोमोटिव की लागत 30 करोड़ होगी जिसे एल्सटॉम फ्रांस से लाए गए कंपोनेंट की मदद से एंसेंबल किया जाएगा। अगले साल फरवरी में इसका ट्रायल रन हो होगा। 12,000 हॉर्स पावर के लोकोमोटिव की मदद से माल ढोने वाली गाड़ियों की स्पीड को 25 किलोमीटर से बढ़ाकर 50 किलोमीटर किया जा सकता है। अभी रेलवे 6000 हॉर्स पावर के इंजनों का प्रयोग करता है। अधिकारियों का मानना है कि जब माल ढोने वाली रेलगाड़ियों की स्पीड बढ़ेगी तो अपने आप ही रेल नेटवर्क बेहतर होगा।
बताया जा रहा है कि वर्ष 2020 तक करीब 35 लोकोमोटिव का निर्माण कर लिया जाएगा और वर्ष 2021 तक से इसे 60 की संख्या पर पहुंचाया जाएगा। इसके बाद हर साल 100 लोकोमोटिव का निर्माण किया जाएगा, जब तक 800 कुल लोकोमोटिव को नहीं बना लिया जाता।
रेलवे ने 20,000 करोड़ रुपए का प्रोजेक्ट एल्सटॉम को दिया था और बिहार में फैक्टरी शुरू होने के बाद, एल्सटॉम ने मधेपुरा प्रोजेक्ट में 1200 करोड़ रुपए का निवेश किया है।
उन्होंने बताया कि कुल पांच लोकोमोटिव फैक्टरी वर्ष 2019 में एसेंबल होंगे। इस सभी को मेक इन इंडिया अभियान के तहत बनाया जाएगा। बिहार के मधेपुरा में 250 एकड़ में मधेपुरा लोकोमोटिव फैक्टरी लगाई गई है, इसके अलावा यहां के कर्मचारियों के यहां टॉउनशिप बनाए जाने की भी योजना है।