फ्लेक्सी फेयर: रेलवे ने हर घंटे यात्रियों से इस तरह कमाए तीन लाख से ज्यादा
नई दिल्ली। रेलवे ने 9 सितंबर से राजधानी, शताब्दी और दूरंतों ट्रेनों में सर्ज प्राइसिंग लागू की है। इसके तहत हर 10 फीसदी टिकट बुक होने पर किराए में बढ़ोत्तरी होती है, जो 40 फीसदी तक हो सकती है। रेलवे ने इसे फ्लेक्सी फेयर सिस्टम का नाम दिया है।
इस तरह कम सीटें उपलब्ध होने पर यात्रियों को सीट के लिए अधिक पैसे खर्च करने पड़ रहे हैं। यह नया नियम राजधानी, शताब्दी और दूरंतो जैसी अधिक मांग वाली ट्रेनों में लागू किया गया है।
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दो दिन में कमाए 1.6 करोड़ रुपए
शुक्रवार 9 सितंबर से फ्लेक्सी फेयर सिस्टम लागू होने के बाद 9 सितंबर और 10 सितंबर दो दिनों में ही रेलवे ने इससे करीब 1.6 करोड़ रुपए की कमाई कर ली है। रेलवे की इसकी घोषणा रविवार को की है। इस तरह देखा जाए तो रेलवे ने हर घंटे 3.33 लाख रुपए की कमाई की है।
रेलवे बोर्ड मेंबर (ट्रैफिक) मोहम्मद जमशेद के अनुसार रेलवे को 9 सितंबर को 84 लाख और 10 सितंबर को 81 लाख की अतिरिक्त आय हुई है। फ्लेक्सी फेयर सिस्टम के जरिए इस वित्त वर्ष में रेलवे की कमाई में 500 करोड़ की अतिरिक्त आय करने का लक्ष्य है।
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आलोचना के बाद भी इसे नहीं लेंगे वापस
रेलवे की तरफ से शुरू किए गए इस फ्लेक्सी फेयर सिस्टम की जनता की तरफ से खूब आलोचना भी हो रही है, लेकिन रेलवे ने रविवार को यह साफ-साफ कह दिया कि वह राजधानी, शताब्दी और दूरतो ट्रेनों में लागू किए गए सर्ज प्राइसिंग के इस सिस्टम को वापस नहीं लेंगे।
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वहीं दूसरी ओर रेलवे ने यह भी साफ कर दिया कि फिलहाल अन्य ट्रेनों के एसी कोच में फ्लेक्सी फेयर सिस्टम को लागू करने की कोई योजना नहीं है। रेलवे के अनुसार, टिकट की कीमत डेढ़ गुना तक बढ़ जाने के बाद भी टिकट बुकिंग में कोई कमी नहीं आई है।