टाटा संस के खिलाफ नुस्ली वाडिया ने किया मानहानि का मुकदमा
नुस्ली वाडिया पर आरोप है कि वह टाटा ग्रुप के पूर्व चेयरमैन सायरस मिस्त्री को मदद मुहैया करा रहे थे, जिसके चलते उन्हें हटाया गया है।
नई दिल्ली। टाटा ग्रुप में चल रही आंतरिक कलह खत्म होने का नाम नहीं ले रही है। अब नुस्ली वाडिया ने टाटा संस के खिलाफ मानहानि का दावा करते हुए नोटिस भेजा है। उनका कहना है कि ग्रुप द्वारा उन्हें हटाने के लिए की गई बिड से उनकी छवि को भारी नुकसान हुआ है।
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नुस्ली वाडिया करीब एक दशक से टाटा कैमिकल्स, टाटा स्टील और टाटा मोटर्स के स्वतंत्र चेयरमैन थे। अब उन्हें टाटा संस ने चेयरमैन के पद से हटा दिया है। नुस्ली वाडिया पर आरोप है कि वह टाटा ग्रुप के पूर्व चेयरमैन सायरस मिस्त्री को मदद मुहैया करा रहे थे।
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'रतन टाटा के खिलाफ प्रोपेगेंडा'
नोटिस में कहा गया है कि उन पर लगाए गए सभी आरोप झूठे और आधारहीन हैं। उनका आरोप है कि टाटा संस की तरफ से उन्हें हटाने का फैसला व्यक्तिगत प्रतिशोध के तहत किया गया है। वाडिया ने मांग की है कि उन पर लगाए गए सभी आरोपों को तुरंत वापस लिया जाना चाहिए।
वाडिया ने मांग की है कि बोर्ड स्पेशल नोटिस को दो दिनों के अंदर वापस ले। अगर बोर्ड ऐसा करने में असफल रहता है तो वाडिया टाटा संस के खिलाफ क्रिमिनल और सिविल प्रोसीडिंग करेंगे।
टाटा संस के सूत्रों का कहना है कि नुस्ली वाडिया द्वारा किया गया मानहानि का ये मुकदमा टाटा संस ग्रुप के नए चेयरमैन रतन टाटा के खिलाफ प्रोपेगेंडा फैलाने के लिए किया गया है। हालांकि, टाटा संस ने कहा है कि वह इस मानहानि के नोटिस का जवाब देगा।
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सायरस मिस्त्री से जुड़ा है मामला
आपको बता दें कि ये मामला भी सायरस मिस्त्री से ही जुड़ा हुआ है। 24 अक्टूबर को टाटा संस की तरफ से टाटा ग्रुप के तत्कालीन चेयरमैन सायरस मिस्त्री को चेयरमैन पद से हटा दिया था। इसके बाद से टाटा बोर्ड में यह कलह जारी है।
जहां एक ओर टाटा ग्रुप की ओर से सायरस मिस्त्री द्वारा अच्छा प्रदर्शन न किए जाने का आरोप लगाते हुए उन्हें ग्रुप से बाहर किया गया है, वहीं दूसरी ओर, सायरस मिस्त्री ने रतन टाटा पर भी कई गंभीर आरोप लगाते हुए कहा है कि उनसे चेयरमैन के अधिकार छीन लिए गए थे।