जानिए कैसे नोट बैन होने से घट जाएगी आपकी ईएमआई!
विश्लेषकों का मानना है कि भले ही थोड़े समय के लिए सरकार का यह कदम बुरा असर डाल सकता है, लेकिन लंबे समय में सरकार के इस कदम से कई फायदे होने वाले हैं।
नई दिल्ली। सरकार की तरफ से 500 और 1000 रुपए के नोटों पर बैन लगाने के बाद देश भर में अलग-अलग तरह की बातें हो रही हैं। कुछ लोग इस कदम को सही बता रहे हैं तो कुछ लोग इसे खराब कह रहे हैं। आइए जानते हैं कि आर्थिक विश्लेषकों का इस मामले पर क्या कहना है।
आर्थिक मामलों के विश्लेषकों का मानना है कि भले ही थोड़े समय के लिए सरकार का यह कदम बुरा असर डाल सकता है, लेकिन लंबे समय में सरकार के इस कदम से कई फायदे होने वाले हैं।
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उनका मानना है कि नोट बैन करने के इस फैसले से पारदर्शिता आएगी और टैक्स रेवेन्यू बढ़ेगा। इतना ही नहीं, मुद्रास्फीति में भी कमी आएगी। इस बैन का असर लोन पर लगने वाले ब्याज और फिक्स्ड डिपॉजिट करने पर मिलने वाले ब्याज पर भी पड़ेगा। विश्लेषकों की मानें तो इसकी वजह से होम लोन और ऑटो लोन की ईएमआई भी कम हो जाएगी।
वहीं दूसरी ओर कुछ विश्लेषकों का ये भी मानना है कि पिछले दो सालों में एफडी पर मिलने वाले ब्याज की दर काफी गिर गई है और सरकार के इस कदम से उसमें और अधिक गिरावट आने की संभावना है।
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आउटलुक एशिया कैपिटल के सीईओ मनोज नागपाल का कहना है कि वित्तीय संस्थाओं का अधिक से अधिक इस्तेमाल होने से महंगाई पर लगाम लगाने में भी आसानी होगी। इससे भविष्य में ब्याज दरों में और कटौती होने की संभावना है।
यह भी कहा जा रहा है कि अब रिजर्व बैंक पहले से निर्धारित की गई सीमा से भी अधिक रेपो रेट में कटौती करने वाला है। मनोज नागपाल का यह भी कहना है कि आने वाले 18 महीनों में ब्याज दरों में 100 से 150 बीपीएस की कटौती होने की संभावना है।
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वहीं दूसरी ओर, बाजार के जानकार अजय बग्गा ने कहा है कि भारतीय रिजर्व बैंक 7 दिसंबर को होने वाली अपनी पॉलिसी की समीक्षा में ब्याज दरों में कटौती कर सकता है।