मिड डे मील के लिए आधार कार्ड की अनिवार्यता सुप्रीम कोर्ट के आदेश का उल्लंघन
सुप्रीम कोर्ट ने अपने 2014 के फैसले में कहा था कि आधार कार्ड को किसी भी काम के लिए इस्तेमाल किया जाना पूरी तरह से ऐच्छिक है, जबकि सरकार आए दिन किसी न किसी काम में इसे अनिवार्य कर रही है।
नई दिल्ली। मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने हाल ही में आदेश देते हुए मिड डे मील के लिए आधार कार्ड को अनिवार्य कर दिया है। सरकार के इस नोटिफिकेशन में कहा गया है कि आधार कार्ड न सिर्फ मिड डे मील का फायदा लेने वाले स्कूली बच्चों के लिए जरूरी है, बल्कि मिड डे मील बनाने वाले कुक व सहायकों के लिए आधार कार्ड जरूरी है। मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने इस फैसले के पीछे तर्क दिया है कि इस तरह से स्कूली शिक्षा से संबंधित सब्सिडी योजनाओं में पारदर्शिता और सुधार लाने में आसानी होगी। आपको बता दें कि सरकार का यह फैसला सुप्रीम कोर्ट के फैसले का सीधा उल्लंघन करता है। ये भी पढ़ें- तमिलनाडु में बढ़ा वैट, डीजल-पेट्रोल की कीमतों में हुआ भारी इजाफा
सुप्रीम कोर्ट ने अपने 2014 के फैसले में कहा था कि आधार कार्ड को किसी भी काम के लिए इस्तेमाल किया जाना पूरी तरह से ऐच्छिक है। सुप्रीम कोर्ट ने 2015 में अपने आदेश को दोहराते हुए कहा था कि जब तक यह मामला कोर्ट में है तब तक आधार कार्ड को कोर्ट की अनुमति के बिना किसी भी काम के लिए अनिवार्य नहीं किया जा सकता है। सुप्रीम कोर्ट के 2015 के आदेश में कहा गया था कि किसी भी भारतीय नागरिक को सरकार की किसी भी सेवा का लाभ आधार कार्ड की अनुपस्थिति में भी मिल सकता है, उसे सिर्फ अपनी पहचान साबित करने के लिए जरूरी दस्तावेज देने होंगे। ये भी पढ़ें- सातवां वेतन आयोग: हरियाणा सरकार ने न्यूनतम पेंशन को 3500 से बढ़ाकर 9000 रुपए किया
इतना ही नहीं, आधार एक्ट की धारा 7 के अनुसार अगर किसी को आधार कार्ड नंबर नहीं मिला है तो वह कोई अन्य दस्तावेज दिखाकर अपनी पहचान बता सकता है और फिर सरकारी की ओर से मिलने वाली सब्सिडी या फिर सेवाओं का लाभ ले सकता है। मानव संसाधन मंत्रालय के आदेश में यह भी कहा गया है कि अगर किसी बच्चे का आधार कार्ड 30 जून तक नहीं बनता है तो उसे आधार के रजिस्ट्रेशन की पर्ची दिखानी होगी, जिससे उसे मिड डे मील मिलेगा। हालांकि, मिड डे मील के मामले में आधार कार्ड की अनिवार्यता के आदेश से यह साफ है कि सरकार को सुप्रीम कोर्ट के आदेश की कोई परवाह नहीं है।