सिंगापुर में बोले शिवराज सिंह चौहान, तेजी से बदल रहा है भारत
नई दिल्ली। सिंगापुर में बिजनेस कांफ्रेंस का आयोजन हुआ। इस कार्यक्रम में मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान हिस्सा लिया। सिंगापुर में बिजनेस कांफ्रेंस में अपने संबोधन में शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि ''मध्यप्रदेश की कॉमर्स और इंडस्ट्री मिनिस्टर यशोधरा राजे सिंधिया, हाई कमिश्नर विजय ठाकुर, सुधीर मेहता, मोहम्मद सुलेमान, मेरे साथ आए हुए बिजनेस डेलीगेट्स और सभी सिंगापुर के बहनों और भाईयों, सबसे पहले मैं आप सबका केवल अपनी ओर से नही, मध्यप्रदेश की 7.5 करोड़ जनता की ओर से हार्दिक स्वागत करता हूं, अभिनंदन करता हूं।
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मैं मध्यप्रदेश से आया हूं लेकिन खाली हाथ नही आया, मध्यप्रदेश की जनता की ओर से सिंगापुरवासियों से लिए शुभकामनाएं लेकर आया हूं। भारत में आज से हजारों साल पहले सबके मंगल की कामना के लिए एक श्लोक कहा गया है- ‘सर्वे भवन्तु सुखिनः, सर्वे संतु निरामयाः, सर्वे भद्राणी पश्यन्तु, मा कष्चित दुःख भाव भवे।', ‘सब सुखी हों, सब निरोग हों, सबका मंगल हो, सबका कल्याण हो।' यह शुभकामनाएं मैं आपको देता हूं और भारतवासियों को मैं कहना चाहता हूं, आज पोंगल का त्यौहार है। दक्षिण भारत में पोंगल बड़े उत्साह से मनाया जाता है, उत्तर भारत में मकर सक्रांती का पर्व मनाते हैं, तो पोंगल की भी शुभकामनाएं और मकर सक्रांती की भी शुभकामनाएं। सिंगापुर छोटा देश है, साईज़ में और जनसंख्या में, लेकिन इस छोटे देश का दिल बहुत बड़ा है।
यहां आकर ख़ुशी होती है, प्रसन्नता होती है। दुनिया के सभी विचारों का स्वागत करने वाला सिंगापुर है। अलग रंग हो सकता है अलग भाषा हो सकती है लेकिन सब को अपने दिल में समाने वाला सिंगापुर है। भारत में हजारों साल पहले एक श्लोक ओर कहा गया है -‘अयम् निजाह परोवेती गणना लघुचेतसाम, उदारचरितानांतु वसुधैव कुटुम्बकम्'। ये मेरा है ये तेरा है, ये सोच छोटे दिल वालों की होती है, लेकिन जो विशाल ह्दय के होते हैं वे तो कहते हैं कि सारी दुनिया ही एक परिवार है। सारी दुनिया को एक परिवार मानने वाला सिंगापुर। सचमुच में यह देश प्रभावित करता है और इसके लिए मैं सिंगापुरवासियों को बधाई देता हूं, एक ऐसा गुलदस्ता जिसमें अलग-अलग रंग के फूल खिले हैं और सिंगापुर ये कोशिश करता है कि कोई भी फूल मुरझाए ना, सारे फूल खिलते रहें और दुनिया को आगे बढ़ाते रहें।
मुझे ख़ुशी होती है यहां क्रिस्मस का त्यौहार भी मनाया गया, उसके बाद चीनी नववर्ष के स्वागत की तैयारी है, आज पोंगल का त्यौहार भी मनाया जाएगा। सही अर्थों में सारी दुनिया ही एक परिवार है उसको साकार रूप देने वाला सिंगापुर है। और इसलिए सिंगापुरवासियों को मैं बधाई देना चाहता हूं। मैं सिंगापुर से सीखने भी आया हूं लेकिन मैं सिंगापुर को बताने भी आया हूं। भारत दुनिया का अत्यंत प्राचीन और महान राष्ट्र है। पांच हजार साल पुराना तो ज्ञात इतिहास है हमारा और आज भारत तेजी से बदल रहा है। जबसे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी बने पॉलिसी पेरालिसिस समाप्त हो गया, फैसले तेजी से लिए जा रहें हैं, आर्थिक विकास दर बढ़ रही है, मंहगाई घट रही है।
प्रधानमंत्री ने अनेकों योजनाओं का एलान किया है, उनको जमीन पर उतारने का काम भी कर रहें हैं। मेक इन इंडिया, डिजिटल इंडिया, क्लीन इंडिया, स्टार्टअप इंडिया, आयडियाज़ का भंडार है मोदी जी के पास। ऊर्जा से भरें हैं, उत्साह से भरें हैं, उमंग से भरें हैं और भारत भी एक नए जोश के साथ उठकर खड़ा हुआ है। आज वैसे भारत के एक प्रदेश, मध्यप्रदेश से मैने आपका स्वागत किया है। मध्यप्रदेश जिसके बारे में अभी आपको यहां बताया गया। एक जमाना था जब हम भारत के पिछड़े राज्य थे, बीमारू की परिभाषा यशोधरा ने बताई है। सिक स्टेट, बिजली नही, पानी नही, सड़क नही, इन्फ्रास्ट्रक्चर नही, तो इनवेस्टमेंट का तो सवाल ही नहीं।
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जब मैं मध्यप्रदेश का चीफ मिनिस्टर बना जो दिल में एक जुनून था एक जज़्बा था, एक धुन थी ये पिछड़ा राज्य, बीमारू राज्य, इसको पिछड़ा नही रहने दूंगा और जब मैने पहली बार हिन्दुस्तान में कहा, कि मध्यप्रदेश को भारत का नबंर एक राज्य बनाऊंगा तो कई लोग हंसे थे उस समय, कि बीमारू राज्य कैसे नबंर एक राज्य बनेगा। लेकिन मित्रों मुझे इस बात की ख़ुशी है कि जहाँ चाह होती है वंहा राह को निकलना पड़ता है। असंभव शब्द मेरे शब्दकोष में नही है। आज भारत कहता है, पूरा देश कहता है, हम नही कहते जमाना कहता है कि हिन्दुस्तान में नबंर एक का राज्य है विकास के मामले में तो वो मध्यप्रदेश है। मध्यप्रदेश की ग्रोथ स्टोरी अगर आप सुनेंगें, वो राज्य जो एक और दो परसेंट की भी विकास दर हासिल नही कर पाता था, लगातार सात साल से डबल डिजिट में हमारी ग्रोथ रेट है, 10+1 नंबर एक हिन्दुस्तान में।
पिछले साल भी हम नंबर एक थे, इस साल भी हम नंबर एक हैं। एग्रीकल्चर ग्रोथ रेट के बारे में यषोधरा जी ने आपसे बात की है, सुलेमान भी आपको अपने प्रेजेंटेशन में बताया है, आसानी से भरोसा नही होता, लगातार 4 साल से 20+ ग्रोथ रेट हासिल करना अपने आप में चमत्कार है। दुनिया में संभवतः मध्यप्रदेश पहला राज्य है, जिसने 20 प्लस की ग्रोथ रेट हासिल की है एग्रीकल्चर के सेक्टर में। सचमुच में एक चमत्कार जैसा हुआ है और यषोधरा ने एक सीक्रेट आपको ओर बता दिया, तीन बार तो कृषि के क्षेत्र में एक्सीलेंट काम करने के लिए भारत सरकार यूपीए की थी, तब भी हमको कृषि कर्मण अवार्ड मिला और आज एनडीए की है, कल ही मेरे पास फोन आया मेरे चीफ सेक्रेटरी ने मुझे फोन करके बताया कि चौथी बार भी कृषिकर्मण अवार्ड लेने के लिए तैयार हो जाइए क्योंकि भारत सरकार ने मध्यप्रदेश को ही चुना है।
लेकिन हम ये कैसे कर पाए? हम लोगों ने एक रोडमैप बनाया प्रदेश के विकास का। मैं जानता था कि बिना इन्फ्रास्ट्रक्चर के मध्यप्रदेश आगे नही बढ़ सकता। रोड नेटवर्क था नही, हमने 1 लाख 60 हजार किलोमीटर की सड़के मध्यप्रदेश में बना दीं, चारो तरफ सड़कों का जाल फैलाने का काम किया। सड़के समृद्धी की वाहिनीं हैं, बिना सड़कों के काम नही चल सकता। लेकिन पावर नही थी मध्यप्रदेश में दो घंटे चार घंटे बिजली आती थी, मेरे दिमाग में जुनून था कि 24x7 पावर देना है। मैने एनाउंस भी किया कि चौबीस घंटे बिजली दूंगा, लोग मानने को तैयार नही थे लेकिन आज मध्यप्रदेश पावर सरप्लस स्टेट है। थर्मल पावर प्लांट, हाइड्रो पावर प्लांट, सोलर, विंड, बायोमास सबका उपयोग करके हमने 16800 मेगावाट बिजली की उपलब्धता मध्यप्रदेश की धरती पर कर दी है जो मेरे मुख्यमंत्री बनने तक थी केवल 2900 मेगावाट।
आज 16800 मेगावाट बिजली हमारे पास है और मध्यप्रदेश अब भारत के दूसरे राज्यों को बिजली दे रहा है कभी-कभी दिल्ली को भी बिजली की जरूरत पड़ती है तो वो मध्यप्रदेश से ही मंगाते हैं। पावर सरप्लस स्टेट है हमारा। हमने विंड और सोलर के क्षैत्र में भी एक्सीलेंट काम किया है, अभी प्रेजेंटेशन में आपको बताया 750 मेगावाट का सोलर पावर प्लांट दुनिया का सबसे बड़ा सोलर पावर प्लांट हम मध्यप्रदेश के रीवा में लगाने जा रहें हैं और एशिया का सबसे बड़ा सोलर पावर प्लांट मध्यप्रदेश के नीमच में 135 मेगावाट का हम लगा चुके हैं। विंड, सोलर, बायोमास, रिन्युएबल एनर्जी उस क्षैत्र में भी हमने तेजी से बढ़ने की कोशिश की है ताकि हम क्लाइमेट चेंज के इस माहौल को, ये जो नुकसान है उसको बदलने की हम कोशिश कर सकें।''
अंत में शिवराज सिंह चौहान ने कहा मैं मध्यप्रदेश में आपका स्वागत करता हूं, आप आएंगें तो आपको लगेगा यहां आकर आपने कोई भूल नही की है। एक बार फिर में आपका मध्यप्रदेश की जनता की ओर से स्वागत करता हूं। आपने सिंगापुर में जो स्नेहपूर्ण स्वागत किया है उसके लिए मैं हृदय से आपका आभारी हूं।