सभी नौकरीपेशा लोगों के लिए खुशखबरी, पीएफ से जुड़ा है मामला
श्रम मंत्री बंडारू दत्तात्रेय ने बताया कि श्रम मंत्रालय और वित्त मंत्रालय के बीच ईपीएफ की दर 8.65 फीसदी किए जाने को लेकर मतभेद नहीं हैं। इस मामले पर दोनों ही मंत्रालयों का सोचना एक जैसा है।
नई दिल्ली। श्रम मंत्री बंडारू दत्तात्रेय ने मगंलवार को बताया है कि कर्मचारी भविष्य निधि (ईपीएफ) डिपॉजिट की ब्याज दर को 8.65 फीसदी करने पर वित्त मंत्रालय की तरफ से भी सहमति मिल गई है। उन्होंने बताया कि श्रम मंत्रालय और वित्त मंत्रालय के बीच ईपीएफ की दर 8.65 फीसदी किए जाने को लेकर मतभेद नहीं हैं। इस मामले पर दोनों ही मंत्रालयों का सोचना एक जैसा है। उन्होंने कहा कि यह एक पूरी प्रक्रिया है और इस पूरी प्रक्रिया को खुद देखेंगे।
बंडारू दत्तात्रेय की अध्यक्षता वाली सेंट्रल बोर्ड ऑफ ट्रस्टी पहले ही ईपीएफ डिपॉजिट पर ब्याज दर 8.65 फीसदी करने के प्रस्ताव पर मुहर लगा चुका है। फिलहाल मामला वित्त मंत्रालय के पासस है, जिसकी मुहर के बाद ही सेंट्रल बोर्ड ऑफ ट्रस्टी के फैसले को अमल में लाया जाएगा। आपको बता दें कि इससे पहले वित्त वर्ष 2015-16 के लिए ईपीएफ डिपॉजिट की ब्याज दर 8.8 फीसदी थी। इससे पहले वित्त वर्ष 2013-14 के लिए ब्याज दर 8.75 फीसदी और वित्त वर्ष 2014-15 के लिए ब्याज दर 8.5 फीसदी थी। ये भी पढ़ें- 5 मिनट में मिलेगा पैन कार्ड नंबर, ऐप से भर सकेंगे टैक्स
वित्त वर्ष 2016-17 के लिए जिस ब्याज दर यानी 8.65 फीसदी पर विचार किया जा रहा है, वह पिछले चार सालों में पहली बार है, जब कम हुआ है। सरकार द्वारा तय की गई इस नई ब्याज से प्रोविडेंट फंड के 9.7 करोड़ कर्मचारियों पर असर पड़ेगा। हालांकि, ब्याज दर कम होने से लोगों को मिलने वाला ब्याज कम हो जाएगा, जिसकी वजह से सभी नौकरीपेशा लोगों को थोड़ी दिक्कत होगी। वहीं दूसरी ओर इस फैसले को राहत भरा भी माना जा रहा है कि क्योंकि वित्त मंत्रालय चाहता है कि श्रम मंत्रालय ईपीएफ ब्याज दर को अन्य लघु बचत योजनाओं के अनुरूप बनाए। ये भी पढ़ें- अमर सिंह ने पनामा पेपर का जिक्र करते हुए कहा, 'जेल जा सकते हैं अमिताभ बच्चन'