जानिए दिखाने के मुकाबले काला धन छिपाना अब क्यों पड़ेगा महंगा?
सरकार कालाधन रखने वालों को एक आखिरी मौका दे रही है। आप अपनी रकम का 50 हिस्सा टैक्स और जुर्माना चुका कर उसे सफेद कर सकते हैं।
नई दिल्ली। मोदी सरकार ने कालाधन रखने वालों को उसे सफेद करने का एक और मौका दिया है। सरकार ब्लैकमनी होल्डर्स के लिए एक योजना लेकर आई है, जिसे प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना का नाम दिया गया है। इस योजना के तहत अगर कोई अपनी अघोषित आय का 50 प्रतिशत सरकार को टैक्स के तौर पर देता है तो वो सजा से बच सकता है। नोटबंदी को लेकर 5 बड़े बदलाव, क्या आपने पढ़े?
सरकार ने इस बारे में बारे में बिल तैयार कर संसद में पेश कर दिया है। इस बिल के तहत कोई भी व्यक्ति अपनी अघोषित आय का 50 फीसदी हिस्सा सरकार को टैक्स के तौर पर देकर उसे सफेद कर सकता है।
कालाधन रखने वालों को आखिरी मौका
इस योजना के तहत 30 दिसंबर तक 500 और 1,000 रुपये के नोट जमा करने वाले कालेधन पर 50 फीसदी टैक्स देकर सजा से बच सकते हैं। इसमें 30 फीसदी कर, 10 फीसदी जुर्माना और कर पर 33 फीसदी सरचार्ज शामिल है। आय का एक चौथाई हिस्सा 4 साल के लिए एक ब्याजरहित योजना में डालना होगा।
कालाधन छिपाना हो सकता है खतरनाक
हलांकि इस योजना के तहत कर और जुर्माना जमा करने के बावजूद व्यक्ति फेमा, पीएमएलए, नारकोटिक्स और काला धन कानून के तहत सजा का हकदार होगा। उसे इन प्रावधानों में किसी तरह की छूट नहीं मिलेगी।
नहीं बताया तो देना होगा 85 फीसदी रकम
नए बिल के मुताबिक अगर कालाधन रखने वाले खुद इस की जानकारी नहीं देते और टैक्स बैंक में जमा नहीं करते तो उनपर 60 फीसदी टैक्स और 15 फीसदी सरचार्ज और 10 फीसदी जुर्माना लगाकर 85 फीसदी रकम सरकार को देना होगा।
छापेमारी कर पकड़ा तो बुरा अंजाम
वहीं इतना होने के बावजूद आयकर विभाग ने किसी का कालाधन छापेमार कर पकड़े तो उनपर 90 फीसदी टैक्स और जुर्माना लगाया जाएगा। सरकार इस आय का इस्तेमाल ग्रामीण विकास और गरीबी उन्मूलन के लिए करेगी।