इंफोसिस में टकराव बढ़ा, अब क्लाइंट को समझाने की कर रहे लाख कोशिशें
सूत्रों के मुताबिक, बोर्ड का मानना है कि वह प्रमोटर्स और अन्य लाभार्थियों की सभी सलाह खुशी से स्वीकार तो करेगा, लेकिन वही करेगा जो कंपनी और निवेशकों के लिए जरूरी होगा।
नई दिल्ली। तकनीकी कंपनी इंफोसिस के बोर्ड और मैनेजमेंट का कंपनी के प्रमोटर्स से साथ हुआ टकराव अब धीरे-धीरे सामने आ रहा है। इस टकराव से कंपनी के कामकाज भी फर्क पड़ने की आशंका जताई जा रही है। ऐसा इसलिए कहा जा रहा है क्योंकि इस टकराव की स्थिति के बाद अब बोर्ड और मैनेजमेंट अपने-अपने क्लाइंट से बात करके उन्हें इस बात का आश्वासन दे रहे हैं कि सब कुछ ठीक है।
हालांकि, कंपनी के प्रमोटर्स के साथ बोर्ड और मैनेजमेंट के हुए टकराव की वजह से क्लाइंट थोड़ा असमंजम में जरूर आ गए हैं। इसी असमंजस से क्लाइंट्स को बाहर निकालने के लिए बोर्ड और मैनेजमेंट क्लाइंट को भरोसा दिला रहे हैं कि बेंगलुरु स्थित इंफोसिस के मुख्यालय में सब कुछ ठीक है और अभी भी ग्राहकों के प्रति दायित्व अप्रभावित हैं। सूत्रों के अनुसार प्रमोटर्स ने जो प्रस्ताव दिया था, उस पर फिलहाल बोर्ड और मैनेजमेंट विचार कर रहा है और उन्हें जो सही लगेगा वह वही करेंगे, क्योंकि उनकी सभी शेयरहोल्डर्स के प्रति जिम्मेदारी है, न कि सिर्फ कंपनी के प्रमोटर्स के प्रति, जिनके पास कंपनी के महज 13 फीसदी शेयर हैं। ये भी पढ़ें- नोटबंदी के बाद 20 हजार का नगद गिफ्ट या चंदा लेने वालों को आयकर विभाग को देनी होगी जानकारी
दरअसल, कंपनी के प्रमोटर्स ने कंपनी के सीईओ की सैलिरी और टॉप एग्जिक्युटिव के सेवरंस पैकेज और कुछ अन्य मामलों पर चिंता जताई थी। बताया जा रहा है कि बोर्ड और मैनेजमेंट नहीं चाहते हैं कि इससे किसी भी तरह से कंपनी का बिजनेस प्रभावित हो। कंपनी के प्रमोटर्स सिर्फ बोर्ड और मैनेजमेंट को किसी भी बात पर सलाह दे सकते हैं, लेकिन अंतिम फैसला सिर्फ बोर्ड और मैनेजमेंट ही करेंगे, जो कंपनी और उसके निवेशकों के हक में होगा। सूत्रों के मुताबिक, बोर्ड का मानना है कि वह प्रमोटर्स और अन्य लाभार्थियों की सभी सलाह खुशी से स्वीकार तो करेगा, लेकिन वही करेगा जो कंपनी और निवेशकों के लिए जरूरी होगा।