रेंसमवेयर वायरस के अटैक से कैसे बच गए भारत के बैंक और एटीएम
रेंसमवेयर वान्नाक्राई से दुनिया के 150 से ज्यादा देशों के कंप्यूटर सिस्टम्स में भले ही वायरस पहुंच गया हो। पर भारत के बैंकों और एटीएम नेटवर्क पर इसका कोई असर नहीं पड़ सका।
मुंबई। रेंसमवेयर वान्नाक्राई से दुनिया के 150 से ज्यादा देशों के कंप्यूटर सिस्टम्स में भले ही वायरस पहुंच गया हो। पर भारत के बैंकों और एटीएम नेटवर्क पर इसका कोई असर नहीं पड़ सका।
आउटडेटेड सिस्टम ने एटीएम और बैंक को बचाया
अभी तक की जानकारी के मुताबिक भारत के एटीएम और बैंकों का इस वायरस का असर नहीं हुआ है। ऐसा इसलिए नहीं है कि भारत की एटीएम नेटवर्क इतना मजबूत है कि रेंसमवेयर उसे भेद नहीं पाया। इसका कारण भारत के एटीएम नेटवर्क का अभी तक अपडेट न हो पाना है, क्योंकि भारत का एटीएम नेटवर्क अभी तक आउटडेटेड ही है।
रेंसमवेयर अटैक का भारत में कोई गंभीर असर नहीं पड़ा
ईटी की खबर के मुताबिक विशेषज्ञों का मानना है कि वैश्विक बैंकों के मुकाबले आउटडेटेड सिस्टम्स पर काम करने के कारण भारतीय बैंकों और एटीएम के कामकाज में बाधा नहीं पड़ी। किसी बड़े बैंक और आरबीआई की तरफ से भी देश के वित्तीय सिस्टम में किसी गड़बड़ी की खबर नहीं आई। कहा जा रहा था कि दक्षिण भारत में एक-दो छोटे बैंकों पर असर पड़ा होगा। वहीं सरकार ने सोमवार को कहा कि ग्लोबल रेंसमवेयर अटैक का भारत में कोई गंभीर असर नहीं पड़ा है।
केरल और आंध्र प्रदेश में सीमित क्षेत्रों में एक-दो घटनाएं सामने आने की बात
सरकार ने कहा कि केरल और आंध्र प्रदेश में साइबर अटैक की एक-दो घटनाएं हुई हैं। केंद्रीय सूचना एवं प्रौद्योगिकी मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि नेशनल इन्फॉर्मेटिक्स सेंटर (NIC) की ओर से चलाए जाने वाले कंप्यूटर सिस्टम और अन्य नेटवर्क सुरक्षित है। रविशंकर प्रसाद ने कहा कि दूसरे देशों की तरह भारत पर कोई बड़ा प्रभाव नहीं पड़ा है। हम नजर बनाए हुए हैं। अब तक जो सूचना मिली है, उसके मुताबिक केरल और आंध्र प्रदेश में सीमित क्षेत्रों में एक-दो घटनाएं सामने आने की बात कही जा रही है।
ब्रिटेन सहित 150 से ज्यादा देशों के नेटवर्क हुए प्रभावित
रेंसमवेयर वान्नाक्राई से साइबर अटैक के खतरे को देखते हुए बैंकिंग, टेलिकॉम, पावर और एविएशन जैसे सेक्टरों में अहम नेटवर्क्स की मॉनिटरिंग की जा रही है। इस वायरस ने रूस और ब्रिटेन सहित 150 से ज्यादा देशों में नेटवर्कों में बाधा डाली है। इंडिया की साइबर सिक्यॉरिटी यूनिट सीईआरटी-इन ने इससे पहले कहा था कि उसे इंडिया के अहम नेटवर्कों पर साइबर अटैक की कोई औपचारिक रिपोर्ट नहीं मिली है। इंडियन कंप्यूटर इमर्जेंसी रिस्पॉन्स टीम के डायरेक्टर जनरल संजय बहल ने कहा कहा था कि हालात सामान्य लग रहे हैं। सीईआरटी-इन के पास कोई रिपोर्ट नहीं आई है। माइक्रोसॉफ्ट और दूसरों के साथ हम संपर्क में हैं। उन्हें भी कोई रिपोर्ट नहीं मिली है।
भारतीय बैंक साइबर क्राइम की घटनाओं को छिपाने के लिए बदनाम
भारत में एटीएम मुख्य रूप से आउटडेटेड विंडोज एक्सपी ऑपरेटिंग सिस्टम पर चलते हैं। इन पर ही हैकरों का ज्यादा खतरा होने का डर था। भारतीय स्टेट बैंक ने बयान जारी करते हुए कहा कि हमने अपनी स्थानीय आईटी टीमों को शाखाओं के सिस्टम की मॉनिटरिंग करते रहने को कहा है। कुछ मामलों में मालेयर बैंकिंग नेटवर्कों के संपर्क में आने वाली बाहरी डिवाइसेज से मालवेयर आ जाता है। हम उन पर भी नजर रख रहे हैं। आपको बताते चले कि भारतीय बैंक साइबर क्राइम की घटनाओं को छिपाने के लिए बदनाम हैं और इसके लिए आरबीआई उनकी आलोचना भी कर चुका है।