यूपीए के कार्यकाल में नियुक्त छह बैंकों के सीएमडी सस्पेंड
नई दिल्ली। केंद्र में नरेंद्र मोदी की अगुवाई वाली एनडीए सरकार ने एक बड़ा फैसला लेते हुए उन छह सरकारी बैंकों के सीएमडी को सस्पेंड कर दिया जिनकी नियुक्ति यूपीए के कार्यकाल में हुई थी। बताया जा रहा है कि इन सीएमडी की चयन प्रक्रिया नियमों के अनुरूप नहीं थी और इस वजह से ही यह कदम उठाया गया।
सरकार
की
कमेटी
की
जांच
सरकार
की
ओर
से
बनाई
गई
एक
उच्चस्तरीय
कमेटी
की
ओर
से
इनके
चयन
में
कुछ
अनियमितता
पाई
गई
थीं।
इसके
बाद
ही
सरकार
ने
यह
फैसला
लिया।
कर्ज के बदले घूस के आरोप में सिंडिकेट बैंक के सीएमडी एसके जैन की गिरफ्तारी व बर्खास्तगी के बाद बैंक ऑफ बड़ौदा और केनरा बैंक जैसे बैंकों में चयन की प्रक्रिया की जांच शुरू की गई थी।
कौन-कौन
से
बैंक
वित्त
मंत्रालय
की
ओर
से
बताया
गया
कि
भविष्य
में
सरकारी
बैंकों
के
सीएमडी
के
साथ
एक्जीक्यूटिव
डायरेक्टर
के
पद
नई
चयन
प्रक्रिया
के
जरिये
भरे
जाएंगे।
वित्तीय सेवा सचिव सहित आरबीआइ गवर्नर की अध्यक्षता में संप्रग सरकार के कार्यकाल में गठित समिति ने बैंक ऑफ बड़ौदा, केनरा, बैंक, इंडियन ओवरसीज बैंक, ओरियंटल बैंक ऑफ कॉमर्स, यूनाइटेड बैंक व विजया बैंक के सीएमडी चुने थे।
बताया जा रहा है कि इन्हीं बैंकों के सीएमडी को सरकार की ओर से सस्पेंड कर दिया गया है। अब नई सरकार ने पूरी चयन प्रक्रिया को खारिज कर दिया। वैसे नई प्रक्रिया में भी आरबीआइ गवर्नर शामिल रहेंगे।