फ्लिपकार्ट के विज्ञापन में गोरखा चौकीदार दिखाने पर विवाद, कोर्ट पहुंचा मामला
नई दिल्ली। फ्लिपकार्ट कंपनी ने हाल ही में एक नया टीवी विज्ञापन निकाला। इसमें एक बच्चे को गोरखा चौकीदार ड्रेस में दिखाया गया है।
इतना ही नहीं उस बच्चे के सिर पर नेपाली टोपी भी है। इस विज्ञापन के टीवी पर आने के साथ ही इसका विरोध शुरू हो गया।
गोरखा समाज ने विज्ञापन पर जताया ऐतराज
गोरखा समाज ने इस टीवी विज्ञापन को लेकर नाराजगी जाहिर की है। उनका कहना है कि इस विज्ञापन के जरिए उनके समाज की तस्वीर पेश की जा रही है। इतना ही नहीं गोरखा समाज इस मामले को कोर्ट में लेकर पहुंच गए हैं।
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इस बीच खबर है कि फ्लिपकार्ट ने विवाद के बाद इस विज्ञापन के प्रसारण पर रोक लगाते हुए इसमें जरूरी बदलाव किया है। बताया जा रहा है कि जिन हिस्सों पर विवाद है उसे हटा दिया गया।
दिल्ली में गोरखा समाज के सदस्यों ने इस विज्ञापन पर नाराजगी जताते हुए तीस हजारी कोर्ट में याचिका दाखिल की है। इसमें कंपनी के संस्थापक संजय बंसल और बिन्नी बंसल को आरोपी बनाया गया है।
तीस हजारी कोर्ट में दायर की याचिका
उन्होंने गोरखा समुदाय की धार्मिक भावना को ठेस पहुंचाने को लेकर धारा 154 (ए) और (बी) के तहत आपराधिक मानहानि का मामला दर्ज कराया है।
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इससे पहले गोरखा यूथ एंड स्टूडेंट्स एसोसिएशन (जीवाईएएसए) ने कंपनी के खिलाफ पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है।
गोरखा समाज ने विज्ञापन के लिए कंपनी पर नस्लवाद फैलाने का आरोप लगाया है उनका मांग है कि कंपनी इस विज्ञापन के लिए माफी मांगे।
कंपनी
पर
नस्लवाद
और
जातिवाद
फैलाने
का
आरोप
बता दें कि फ्लिपकार्ट ने 'एस्यूर्ड फ्लिपकार्ट' नाम से नई ऐड सीरीज शुरू की है। इसमें बच्चों को बड़े के रूप के दिखाया गया।
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इसी सीरीज में एक बच्चे को बड़ा दिखाते हुए चौकीदार के तौर पर दर्शाया गया है। इसी को लेकर गोरखा समाज गुस्से में है।
इस बीच फ्लिपकार्ट ने विरोध को देखते हुए अपने विज्ञापन में सुधार किया है। विवादित हिस्से को हटाकर नए विज्ञापन को सोशल मीडिया में जारी किया है।