जीमेल का इस्तेमाल करने वाले सावधान, इस नए तरीके से हैक किए जा रहे हैं आपके अकाउंट, जानिए कैसे बचें
इन दिनों एक नया फिशिंग स्कैम शुरू हो गया है, जो जीमेल यूजर्स को टारगेट करता है। यह फिशिंग स्कैम इतना खतरनाक है कि इसने कई तकनीकी विशेषज्ञों को भी मात दे दी है।
नई दिल्ली। देश के लगभग हर उस व्यक्ति का जीमेल अकाउंट है, जो इंटरनेट का इस्तेमाल करता है, लेकिन क्या आप अपने जीमेल अकाउंट का इस्तेमाल करते वक्त सावधानी बरतते हैं? इन दिनों एक नया फिशिंग स्कैम शुरू हो गया है, जो जीमेल यूजर्स को टारगेट करता है। यह फिशिंग स्कैम इतना खतरनाक है कि इसने कई तकनीकी विशेषज्ञों को भी मात दे दी है। यह फिशिंग ईमेल उन अकाउंट से आती हैं, जो पहले से ही आपकी एड्रेस बुक में शामिल होते हैं। दरअसल, यह अकाउंट पहले ही इस फिशिंग स्कैम का शिकार हो चुके हैं और इस तरह के ईमेल भेज रहे हैं।
क्या
होता
है
इस
ईमेल
में?
इस
फिशिंग
ईमेल
में
एक
तस्वीर
जैसा
अटैचमेंट
होता
है
और
आप
जैसे
ही
उसे
देखने
के
लिए
उस
पर
क्लिक
करते
हैं,
वैसे
ही
आपके
सामने
दोबारा
से
लॉगिन
करने
का
पेज
खुल
जाता
है।
दरअसल,
यह
पेज
गूगल
का
नहीं,
बल्कि
फिशिंग
स्कैम
का
है।
अगर
आप
ध्यान
से
देखेंगे
तो
आपको
पता
चलेगा
कि
एड्रेस
बार
में
'data:text/html'
लिखा
हुआ
है।
जैसे
ही
आपको
एड्रेस
बार
में
इस
तरह
का
एड्रेस
दिखे
तो
उस
पेज
को
तुरंत
बंद
कर
दें
और
ऐसे
पेज
पर
कोई
भी
जानकारी
न
दें।
अधिकतर
लोग
एड्रेस
बार
को
ध्यान
से
नहीं
देखते
हैं
और
अपनी
अहम
जानकारियां
भर
देते
हैं,
जिसकी
वजह
से
वह
इस
तरह
के
स्कैम
का
शिकार
हो
जाते
हैं।
कैसे
काम
करता
है
ये
फिशिंग
स्कैम?
इस
तरह
से
फिशिंग
किए
जाने
के
तरीके
पर
सबसे
पहले
वर्डफेंस
के
सीईओ
मार्क
मॉन्डर
की
नजर
गई।
उन्होंने
बताया-
जैसे
ही
आप
इस
पेज
पर
अपनी
जानकारियां
डालते
हैं
तो
फिशिंग
करने
वाले
आपकी
जानकारी
की
मदद
से
आपके
अकाउंट
में
लॉगिन
कर
लेते
हैं
और
आपकी
एड्रेस
बुक
में
मौजूद
सभी
लोगों
को
ऐसा
ही
एक
फिशिंग
ईमेल
भेज
देते
हैं।
जिन्हें
यह
ईमेल
मिलता
है
वह
भी
इस
पर
कोई
शक
नहीं
करते
क्योंकि
अपने
किसी
दोस्त,
रिश्तेदार
या
फिर
साथ
काम
करने
वालों
से
उन्हें
फिशिंग
का
कोई
शक
नहीं
रहता
है।
इस
तरह
से
यह
फिशिंग
स्कैम
एक
अकाउंट
से
दूसरे
अकाउंट
में
होते
हुए
अलग-अलग
जीमेल
अकाउंट
तक
पहुंच
जाता
है।
ये
भी
पढ़ें-
अपनी
वेबसाइट
या
फिर
अपने
फेसबुक
पेज
से
कमाएं
पैसे" />ये
भी
पढ़ें-
भारत
में
लॉन्च
हुआ
शाओमी
का
नया
स्मार्टफोन
रेडमी
नोट
4,
कीमतें
भी
काफी
कम
कैसे
काम
करता
है
ये
फिशिंग
स्कैम?
इस
तरह
से
फिशिंग
किए
जाने
के
तरीके
पर
सबसे
पहले
वर्डफेंस
के
सीईओ
मार्क
मॉन्डर
की
नजर
गई।
उन्होंने
बताया-
जैसे
ही
आप
इस
पेज
पर
अपनी
जानकारियां
डालते
हैं
तो
फिशिंग
करने
वाले
आपकी
जानकारी
की
मदद
से
आपके
अकाउंट
में
लॉगिन
कर
लेते
हैं
और
आपकी
एड्रेस
बुक
में
मौजूद
सभी
लोगों
को
ऐसा
ही
एक
फिशिंग
ईमेल
भेज
देते
हैं।
जिन्हें
यह
ईमेल
मिलता
है
वह
भी
इस
पर
कोई
शक
नहीं
करते
क्योंकि
अपने
किसी
दोस्त,
रिश्तेदार
या
फिर
साथ
काम
करने
वालों
से
उन्हें
फिशिंग
का
कोई
शक
नहीं
रहता
है।
इस
तरह
से
यह
फिशिंग
स्कैम
एक
अकाउंट
से
दूसरे
अकाउंट
में
होते
हुए
अलग-अलग
जीमेल
अकाउंट
तक
पहुंच
जाता
है।
ये
भी
पढ़ें-
अपनी
वेबसाइट
या
फिर
अपने
फेसबुक
पेज
से
कमाएं
पैसे
अगर आप भी इस तरह के स्कैम से बचना चाहते हैं तो इसके लिए जरूरी है कि आप हर बार लॉगिन करते समय एड्रेस बार को जरूर देखें। एड्रेस बार में शुरुआत में एक ताले (लॉक) का निशान और 'https://' लिखा होना जरूरी है। अगर यह नहीं लिखा है, तो समझ लें कि आपके सामने खुला पेज सही नहीं है और अपनी कोई भी जानकारी उस पेज पर न डालें। हालांकि, यह पता करने को कोई तरीका नहीं है कि क्या आपका अकाउंट पहले ही इस तरह के फिशिंग स्कैम का शिकार हो चुका है या नहीं। अगर आपको शक हो तो तुरंत ही अपना पासवर्ड बदल दें। सुरक्षा के लिहाज से अपना पासवर्ड कुछ समय बाद बदलते रहें और टू स्टेप ऑथेन्टिकेशन को एक्टिवेट रखें। यूं तो अभी यह फिशिंग स्कैम सिर्फ जीमेल के अकाउंट को ही प्रभावित कर रहा है, लेकिन अन्य प्लेटफॉर्म जैसे फेसबुक, ट्विटर, इंस्टाग्राम आदि पर भी आ सकता है।