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सऊदी अरब ने चला नया दांव, महंगा पेट्रोल-डीजल भरवाने के लिए हो जाइए तैयार

भारत को कच्‍चा तेल निर्यात करने वाले देशों ने अपनी आपूर्ति घटाने का फैसला किया है। अंतर्राष्‍ट्रीय स्‍तर पर ओपेक देशों ने भारत और अमेरिका को होने वाली कच्‍चे तेल की सप्‍लाई को कम करने का फैसला किया है

By Sachin Yadav
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नई दिल्‍ली। भारत के अंदर सस्‍ता पेट्रोल और डीजल पाने के दिन जल्‍द ही जाने वाले हैं और महंगे दिन आने वाले हैं। क्‍योंकि भारत को कच्‍चा तेल निर्यात करने वाले देशों ने अपनी आपूर्ति घटाने का फैसला किया है। अंतर्राष्‍ट्रीय स्‍तर पर ओपेक देशों ने भारत और अमेरिका को होने वाली कच्‍चे तेल की सप्‍लाई को कम करने का फैसला किया है। ओपेक देशों के सदस्‍य सऊदी अरब और इराक ने इस बावत फैसला करते हुए गुरुवार को इसकी प्रक्रिया शुरु कर दी है। भारत सऊदी अरब और इराक से करीब 40 फीसदी कच्‍चे तेल का आयात करता है। ओपेक देशों के बीच कच्‍चे तेल का उत्‍पादन घटाने को लेकर पहले ही सहमति बन चुकी है। वहीं सऊदी अरब ने एशिया और अमेरिका को कच्‍चे तेल के निर्यात पर दिए जाने वाले डिस्‍काउंट को खत्‍म करते हुए कच्‍चे तेल के प्रीमियम को बढ़ा दिया है। ये भी देखें: ट्विटर पर बिना हिजाब के तस्वीर शेयर करके फंसी महिला, पुलिस ने किया गिरफ्तार टीओआई की खबर के मुताबिक आने वाले दिनों में सऊदी अरब 7 फीसदी तक अपनी कच्‍चे तेल की आपूर्ति को कम कर सकता है। वहीं दूसरी तरफ भारत को दूसरे सबसे बड़े तेल निर्यातक देश इराक ने भी कच्‍चे तेल का उत्‍पादन घटाने का फैसला किया है। ओपेक देशों के बीच नवंबर, 2016 में कच्‍चे तेल का उत्‍पादन घटाने को लेकर सहमति बनी थी। ओपेक देशों ने तय किया था कि कच्‍चे तेल का उत्‍पादन 18 लाख बैरल प्रति दिन घटाने पर सहमति बनी है। एक बैरल में 159 लीटर कच्‍चा तेल होता है। वहीं भारत करीब रोजाना 19 लाख बैरल कच्‍चे तेल का आयात करता है। इस खबर को भारत जैसे देशों के लिए खराब माना जा सकता है क्‍योंकि अभी भी भारत जैसे कच्‍चे तेल के लिए दूसरे देशों पर ही निर्भर हैं।

सऊदी अरब ने चला नया दांव, महंगा पेट्रोल-डीजल भरवाने के लिए हो जाइए तैयार

आपको बताते चले कि वर्ष 2014 में जहां कच्‍चे तेल की 112 डॉलर प्रति बैरल थी जोकि गिरकर 40 डॉलर प्रति बैरल के नीचे चली गई थी। ओपेक देशों में समझौता होने के बाद कच्‍चे तेल की कीमत फिर तेज हुई है और आज 54 डॉलर प्रति बैरल से ऊपर पहुंच चुकी है। कहा जा रहा है कि आने वाले दिनों में यह कीमत बढ़कर 60 डॉलर प्रति बैरल के ऊपर पहुंच जाएगी। इससे सरकार पर दबाव बढ़ सकता है और ऑयल मॉर्केटिंग कंपनियों को तेल की कीमतों में बढ़ोतरी करनी पड़ सकती है। इसके अलावा सरकार कच्‍चे तेल की कीमत कम करने के लिए एक्‍साइज ड्यूटी में कटौती करनी पड़ सकती है। ये भी देखें: भारतीय को सऊदी अरब में मिली 300 कोडों की सजा, मां ने सुषमा स्वराज से लगाई रिहाई की गुहार

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English summary
Get ready to pay higher fuel bills in year 2017
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