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भारत में 'मेड इन चायना' पर बैन से छटपटायेगा ड्रैगन

By हिमांशु तिवारी आत्मीय
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हमारे आपके घरों में ज्यादातर इलेक्ट्रिकल, डिजिटल सामान निश्चित तौर चायना मेड हैं। दरअसल देश हो या फिर दुनिया भारत को सबसे बड़े बाजार के रूप में जानती है। कहीं न कहीं भारत का बाजार चीन की सधी हुई अर्थव्यवस्था का भी एक महत्वपूर्ण कारण रहा है। लेकिन अब और नहीं। भारत ने चीन के कुछ प्रोडक्ट्स को प्रतिबंधित कर दिया है। और इसकी वजह से आज नहीं तो कल ड्रैगन छटपटायेगा जरूर।

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India china relations

असल में भारत ने कई उत्पादों पर इसलिये प्रतिबंध लगाया, क्योंकि वे सुरक्ष‍ित नहीं थे और क्वालिटी भी बहुत खराब थी। फलस्वरूप अब आपको मेड इन चायना की स्टैंप लगे कुछ प्रोडक्ट्स बाजार में नहीं मिल सकेंगे।

इन प्रोडक्ट्स पर लगी रोक, ये है वजह...

लोकसभा में सांसद भोला सिंह और कुछ अन्य सदस्यों के प्रश्नों के उत्तर में वाणिज्य मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि भारत ने चीन से दूध और दुग्ध उत्पादों के आयात पर प्रतिबंध लगा दिया है, क्योंकि उनकी गुणवत्ता अस्वीकार्य थी।

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सीतारमण ने कहा कि वैसे कुछ मोबाइल फोन जिन पर अंतराष्ट्रीय मोबाइल स्टेशन उपकरण पहचान संख्या या अन्य सुरक्षा सुविधाएं नहीं थीं, उन्हें भी प्रतिबंधित किया गया है। इसके साथ चीन से कुछ इस्पात उत्पादों के आयात पर भी प्रतिबंध लगा दिया गया है।

बढ़ा है व्यापारिक घाटा

वाणिज्य मंत्री ने कहा, 'डब्ल्यूटीओ नियमों के कारण अब किसी देश से आयात पर पूर्ण प्रतिबंध लगाना संभव नहीं है चाहे उस देश के साथ हमारे राजनयिक, क्षेत्रीय या सैन्य समस्याएं क्यों न हो।' उन्होंने कहा कि चीन के साथ हमारा व्यापार घाटा 2015-16 की फरवरी-अप्रैल की अवधि में 48.68 अरब डॉलर था जबकि द्विपक्षीय कारोबार 65.16 अरब डॉलर था। सीतारमण ने कहा कि चीन के साथ हमारा व्यापार घाटा बढ़ा है जिसका कारण मुख्य रूप से यह है कि चीन की ओर से भारत को निर्यात मुख्य रूप से दूरसंचार और उर्जा क्षेत्र से जुड़े विनिर्माण क्षेत्र के उत्पादों का है।

ड्रैगन और भारत के बीच व्यापार

जानकारी के मुताबिक भारत चीन का 15वां सबसे बड़ा व्यापारिक भागीदार है। साल 2012 में चीन और भारत के बीच आपसी व्यापार 66 अरब डॉलर का था। चीन ने भारत को लगभग 48 अरब डॉलर का सामान बेचा। जबकि भारत ने चीन को केवल 18 अरब डॉलर का सामान निर्यात किया था।

ये रिश्ता 'बिजनेस' कहलाता है

दोनों देशों के बीच व्यापारिक रिश्ते की शुरुआत साल 1978 में हुई। लेकिन साल 2000 में आपसी व्यापार केवल तीन अरब डॉलर का था, जो साल 2011 में बढ़ कर 73 अरब डॉलर का हो गया। फिलवक्त चीन के उत्पादों पर प्रतिबंध की मुहरबंदी करने के बाद रिश्तों पर क्या असर पड़ेगा ये तो आने वाला वक्त ही तय करेगा।

English summary
Dragon could felt angry because India has imposed a ban on some Chinese products in India.
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