भारत के इतिहास में पहली बार 1 फरवरी को पेश होगा आम बजट
अब रेलवे को दिए जाने वाले बजट की घोषणा आम बजट में ही होगी, न कि अलग से। आम बजट में ही यह निर्धारित किया जाएगा कि रेलवे मंत्रालय को कितना बजट दिया जाना है।
नई दिल्ली। हर बार फरवरी के अंत में पेश होने वाला बजट इस बार 1 फरवरी को ही पेश कर दिया जाएगा। सरकार ने इस साल रेल बजट को खत्म कर दिया है, जिसकी वजह से अब रेल बजट आम बजट से अलग पेश नहीं होगा।
अब रेलवे को दिए जाने वाले बजट की घोषणा आम बजट में ही होगी, न कि अलग से। आम बजट में ही यह निर्धारित किया जाएगा कि रेलवे मंत्रालय को कितना बजट दिया जाना है।
अगर आप भी हैं नौकरीपेशा तो पढ़िए सैलरी से जुड़ी ये खुशखबरी
पीएम मोदी ने भी पहले ही यह बात साफ कर दी थी कि इस बार केन्द्रीय बजट नियत समय से एक महीना पहले ही पेश कर दिया जाएगा, ताकि धन की कमी ना हो और विकास को गति मिल सके।
योजनाओं को जल्दी जमीन पर उतारा जा सके इसके लिए केंद्रीय बजट को एक महीना पहले पेश किया जाना तय किया गया था। पीएम ने राज्यों से भी कहा था कि वो इसका फायदा उठाने के लिए अपनी योजनाओं को इसी के अनुरूप आगे बढ़ाएं।
आपको बता दें कि परंपरा के मुताबिक केंद्र सरकार का बजट फरवरी के आखिरी दिन पेश किया जाता रहा है। अब इसे एक महीने पहले पेश किया जाएगा तो संसद का बजट सत्र भी 1 फरवरी से शुरू हो रहा है।
मोदी के ये 10 कदम, नोट बंदी की ओर, जो ना समझे वो अनाड़ी हैं
रेल बजट अलग से नहीं होगा पेश
पिछले 92 सालों से रेल बजट और आम बजट अलग-अलग पेश होते आए हैं, लेकिन इस बार के बजट में ऐसा नहीं होगा। दरअसल, रेल बजट अब आम बजट के साथ ही पेश होगा।
रेल बजट को अलग से पेश भले नहीं किया जाए लेकिन इसका अलग रुतबा बरकरार रहेगा। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने बताया कि इसकी कार्यात्मक स्वायत्तता को बनाए रखा जाएगा।
नोट बैन के फैसले पर रोक लगाने से सुप्रीम कोर्ट ने किया इनकार
ये अलग संस्था के तौर पर काम करेगी। इसमें कामकाज को लेकर पहले जैसी ही स्वतंत्रता बनी रहेगी। बता दें कि रेलवे के देश में सबसे ज्यादा कर्मचारी हैं। जिसके चलते 7वें वेतन आयोग के लागू होने के बाद 40 हजार करोड़ का अतिरिक्त सालाना खर्च के अलावा यात्री सेवा के लिए सब्सिडी पर 33,000 करोड़ रुपये खर्च किया जा रहा है।