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ब्लैक मनी का खुलासा होते ही उद्योग संगठनों को सांप सूंघा

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नई दिल्ली (विवेक शुक्ला)। सरकार के स्विस बैंक में पैसा रखने वाले तीन शख्सों के नामों का खुलासा करने के बाद तीन प्रमुख उद्योग और वाणिज्य संगठन चुप हैं। उनकी तरफ से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है। हम बात कर रहे हैं फिक्की, सीआईआई और पी.एचडी की। सिर्फ एसोचैम ने अपनी राय का इजेहार किया है। एसोचैम ने कहा है कि ब्लैक मनी के मामले सरकार को जल्दबाजी नहीं करनी चाहिए। सरकार को इस तरह के लोगों के नाम का खुलासा यूं ही नहीं करना चाहिए क्योंकि इससे इस अपराध के खिलाफ लड़ाई पर गलत असर पड़ सकता है।

जानकारों को इस राय से हैरानी जरूर हुई। क्योंकि यह बात समझ से परे है कि सरकार के उक्त नामों का खुलासा करने में बुराई क्या है। एसोचैम ने एक बयान में कहा है कि भारतीय नागरिकों और कंपनियों के लिए दोहरा कराधान बचाव संधियां जरूरी हैं क्योंकि इससे वे दो बार कर भुगतान से बच सकते हैं। दोहरा कराधान बचाव संधि के उल्लंघन से भारत की साख भी प्रभावित होगी।

एसोचैम ने कहा है कि अगर नाम सार्वजनिक किए जाते हैं और वे दोषी नहीं पाए जाते तो उन व्यक्तियों और इकाइयों की साख को बहुत नुकसान होगा। जानकारों ने कहा कि उक्त सभी संगठन बात-बात पर अपनी राय रखते हैं। पर इतने सवाल पर इनकी चुप्पी हैरान करने वाली है। इन्हें इसका जवाब देना होगा।

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English summary
Why CII and FICCI are silent on black money issue. Only Assocham issued a statement.
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