अटॉर्नी जनरल ने एयरटेल, वोडाफोन और आइडिया पर 3050 करोड़ रुपए के जुर्माने को बताया सही
ट्राई ने रिलायंस जियो को इंटरकनेक्शन मुहैया न कराने के चलते दूरसंचार विभाग से एयरटेल, आइडिया और वोडाफोन पर 3050 करोड़ का जुर्माना लगाने की सिफारिश की थी।
नई दिल्ली। कुछ समय पहले भारती एयरटेल, वोडाफोन और आइडिया सेल्युलर कंपनियों पर दूरसंचार विभाग ने 3050 करोड़ रुपए का जुर्माना लगा दिया था। अब अटॉर्नी जनरल मुकुल रोहतगी ने इसे सही बताते हुए कहा है कि दूरसंचार विभाग के पास जुर्माना लगाने का पूरा अधिकार है। आपको बता दें कि इस जुर्माने की सिफारिश टेलिकॉम रेगुलेटर ट्राई ने की थी। दूरसंचार विभाग के एक अधिकारी की मानें तो अटॉर्नी जनरल ने कहा है कि त्रिपुरा हाईकोर्ट के फैसले के बावजूद दूरसंचार विभाग जुर्माना लगा सकता है। RBI से नोटबंदी को लेकर पूछे जा चुके हैं ये 14 सवाल, जानिए क्या मिले जवाब
आपको
बता
दें
कि
त्रिपुरा
हाईकोर्ट
की
एक
डिवीजन
बेंच
ने
दूरसंचार
विभाग
द्वारा
इन
कंपनियों
पर
लगाए
गए
जुर्माने
पर
रोक
लगा
दी
थी।
इसके
बाद
दूरसंचार
विभाग
ने
हाईकोर्ट
के
इस
फैसले
को
चुनौती
दी
है।
अब
सूत्रों
का
दावा
है
कि
अटॉर्नी
जनरल
के
अनुसार
केस
लंबित
रहने
के
दौरान
भी
दूरसंचार
विभाग
के
पास
जुर्माना
लगाने
का
पूरा
अधिकार
है।
ट्राई
ने
अक्टूबर
में
जुर्माना
लगाने
की
सिफारिश
की
थी,
जिसके
बाद
दूरसंचार
विभाग
ने
अटॉर्नी
जनरल
से
राय
मांगी
थी।
ये
भी
पढ़ें-
नोटबंदी
पर
जानकारी
देने
से
मना
करते
हुए
भारतीय
रिजर्व
बैंक
ने
कहा-
किसी
की
जिंदगी
को
खतरा
हो
सकता
है
दरअसल,
ट्राई
ने
रिलायंस
जियो
को
पर्याप्त
कनेक्टिविटी
न
देने
के
मामले
में
भारती
एयरटेल
और
वोडाफोन
पर
1050-1050
करोड़
रुपए
का
जुर्माना
लगाने
की
सिफारिश
दूरसंचार
विभाग
से
की
थी।
वहीं
आइडिया
पर
भी
950
करोड़
रुपए
का
जुर्माना
लगाने
को
कहा
था।
ट्राई
ने
इन
कंपनियों
पर
लाइसेंस
शर्तों
के
उल्लंघन
का
आरोप
लगाया
था।
हालांकि,
अभी
तक
यह
साफ
नहीं
हो
सका
है
कि
आखिर
दूरसंचार
विभाग
के
पास
जुर्माना
लगाने
का
अधिकार
है
भी
या
नहीं।
ट्राई
ने
दूरसंचार
विभाग
से
की
गई
सिफारिश
में
कहा
था
कि
रिलायंस
जियो
को
इंटरकनेक्शन
मुहैया
न
कराने
के
पीछे
कॉम्पटीशन
का
गला
दबाने
का
मकसद
दिख
रहा
है।