अरुण जेटली बोले, तीसरी तिमाही में जीडीपी पर नोटबंदी का काफी असर हुआ
वित्त मंत्री ने कहा कि अर्थव्यवस्था में विकास की संभावनाएं दुनिया को दिखाई दे रही है। इसीलिए आने वाली तिमाहियों में विकास दर काफी बेहतर होगी और नोटबंदी का असर नहीं दिखेगा।
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री मोदी के दावों से इतर वित्त मंत्री अरुण जेटली ने माना है कि चालू वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही पर नोटबंदी का काफी असर पड़ा है। हालांकि जेटली ने कहा कि ये असर लंबे वक्त तक नहीं रहेगा और आगे विकास दर तेजी से बढ़ेगी। वित्त मंत्री ने कहा कि बाजार में करेंसी की वापसी और भारतीय अर्थव्यवस्था में विकास की संभावनाएं दुनिया को दिखाई दे रही है। इसीलिए आने वाली तिमाहियों में विकास दर काफी बेहतर होगी की इन आंकड़ों में और बढ़ोतरी होगी।
हाल ही में ब्रिटेन के दौरे से लौटे अरुण जेटली ने कहा कि भारत में ब्रिटेन के निवेशक सरकारी और निजी क्षेत्र के निवेश के लिए उत्साहित है। आपको बता दें कि प्रधानमंत्री ने अपनी चुनावी सभा में कहा था कि नोटबंदी से जीडीपी पर कोई फर्क नहीं पड़ा है और नोटबंदी के उनके फैसले की आलोचना करने वालों के लिए ये एक जवाब है। बीते साल आठ नंवबर को प्रधानमंत्री ने देश में 500 और 1000 को नोटों पर पाबंदी का ऐलान कर दिया था। जिसके बाद देश में कैश का भारी किल्लत रही और छोटे कारोबार बुरी तरह से प्रभावित हुए। ऐसे में विपक्ष लगातार पीएम मोदी पर हमला कर रहा है।
आपको बता दें कि चालू वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही में देश की जीडीपी दर घटी है लेकिन ये बहुत ज्यादा नहीं है। माना जा रहा था कि नोटबंदी की वजह से जीडीपी को भारी नुकसान हो सकता है। साल 2017 के तीसरी तिमाही में विकास दर घटकर 7 प्रतिशत रह गई। वित्त वर्ष 2017 की दूसरी तिमाही में जीडीपी विकास दर 7.3 फीसदी रही थी, जबकि चालू वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही में कृषि का विकास दर 6 फीसदी रहा। वहीं मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर की विकास दर 8.3 फीसदी रहा। नोटबंदी के बाद अनुमान लगाया जा रहा था कि विकास दर 6.1 फीसदी तक घट सकती है।
नोटबंदी के चलते घटी जीडीपी ग्रोथ की दर, पहुंची 7% पर