गाड़ी का एयरबैग ले सकता है आपकी जान, जानिए कैसे बचें इससे
टोयोटा ने करीब 29 लाख कारें रिकॉल की हैं। इनमें सिर्फ भारत से ही 23 हजार कोरोल एल्टिस कारें वापस मंगाई गई हैं, क्योंकि इनमें लगे टकाटा कंपनी के एयबैग्स में कुछ खराबी आ गई है।
नई दिल्ली। हर दिन सैकड़ों की संख्या में सड़क दुर्घटनाएं होती रहती हैं। ऐसे में लोगों को किसी अनहोनी से बचाने के लिए कार कंपनियां एयरबैग की सुविधा देती हैं, जिससे गाड़ी चला रहे शख्स और उसके साथ बैठे व्यक्ति की जान बच सके, लेकिन कई ऐसी घटनाएं भी सामने आई हैं, जिसमें एयरबैग ने ही गाड़ी चलाने वाले की जान ले ली। ये भी पढ़ें- यहां आलू-प्याज से भी सस्ता है काजू, कीमत जानकर रह जाएंगे दंग
29 लाख कारें मंगाई गईं वापस
हाल ही में टोयोटा ने दुनियाभर से करीब 29 लाख कारें रिकॉल की हैं। इनमें सिर्फ भारत से ही 23 हजार कोरोल एल्टिस कारें वापस मंगाई गई हैं। यह कारें इसलिए वापस मंगाई गई हैं, क्योंकि इनमें लगे टकाटा कंपनी के एयबैग्स में कुछ खराबी आ गई है। आपको बता दें कि यह अब तक का सबसे बड़ा रिकॉल है। इसमें भारत के अलावा चीन, जापान और ओशनिया रीजन से भी कारें रिकॉल की गई हैं। ये भी पढ़ें- नौकरीपेशा लोगों के लिए खुशखबरी, ऐप से निकलेंगे पीएफ के पैसे
कैसे काम करता है एयरैबग?
जब कभी आपकी गाड़ी किसी चीज से टकराती है तो सेंसर एक्टिव हो जाता है और एयरबैग को खुलने की कमांड देता है। कमांड मिलते ही एक सेकंड से भी कम समय में एयरबैग खुल जाता है। कमांड मिलते ही स्टेयरिंग के नीचे मौजूद इंफ्लेटर एक्टिव हो जाता है। इंफ्लेटर सोडियम ऑक्साइड के साथ मिलकर नाइट्रोजन गैस पैदा करता है, जो एयरबैग में भर जाती है और वह फूल जाता है। ऐसे में टक्कर लगने की स्थिति में आप एयरबैग से टकराते हैं और इसकी वजह से आपकी जान बच जाती है। ये भी पढ़ें- जानिए, रिलायंस जियो के किन ग्राहकों को तीन महीने तक मिलेंगी मुफ्त सेवाएं?
क्या एयरबैग्स की भी होती है एक्सपायरी डेट?
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एयरबैग कैसे लेता है जान?
आपको बता दें कि टक्कर लगने के बाद एयरबैग के खुलने की रफ्तार 322 किलोमीटर प्रति घंटा तक हो सकती है। इतनी अधिक तेजी से एयरबैग के खुलने की वजह से भी लोगों की जान जा चुकी है। एक सड़क दुर्घटना में एक कैंटर ने अचानक ब्रेक लगाया और इसके चलते पीछे आ रही गाड़ी तेजी से उससे टकरा गई। इस दुर्घटना में एयरबैग इतनी तेजी से खुला कि उसके झटके से ड्राइवर का लीवर फट गया और उसकी मौत हो गई। ये भी पढ़ें- अब हर रविवार पेट्रोल पंप रहेंगे बंद, रात में नहीं मिलेगा तेल!
क्या कहते हैं आंकड़े?
2008 से अब तक 53 मिलियन कारों को रिकॉल किया गया है, जिनमें अधिकतर टकाटा कंपनी की हैं। यह कंपनी दूसरे विश्व युद्द के दौरान जापानी सेना के लिए पैराशूट बनाती थी, जो 1930 में टेक्सटाइल निर्माता के रूप में स्थापित हुई। पिछले साल कई कारों में टकाटा कंपनी के एयरबैग अपने आप ही फट गए, जिसकी वजह से दुनियाभर में 16 लोगों ने जान गंवाई। रिपोर्ट के अनुसार अधिक गर्मी से भी टकाटा एयरबैग फट जाते हैं। इसमें मौजूद अमोनियम नाइट्रेट बहुत ही खतरनाक होता है। ये भी पढ़ें- जियो का 3 महीने मुफ्त का ऑफर लेने से चूक गए, तो ये हैं सस्ते विकल्प