रेल मंत्रालय की 8 उपलब्धियां जिन पर होगा आपको गर्व
नई
दिल्ली।
प्रधानमंत्री
नरेंद्र
मोदी
के
कार्यकाल
के
प्रथम
वर्ष
के
दौरान
रेल
मंत्रालय
ने
कई
नई
परियोजाएं
और
मुख्य
सुधारों
का
दावा
किया
है।
रेल
मंत्रालय
की
उपलब्धियों
में
पहले
की
तुलना
में
एक
साल
में
अधिक
रेल
पटरियों
का
विद्युतीकरण
करना,
रेलवे
की
आय
12
प्रतिशत
बढ़ाना,
अधिक
जैविक
शौचालयों
की
स्थापना
और
2014-15
के
दौरान
मुंबई-अहमदाबाद
बुलेट
ट्रेन
के
लिए
जापान
से
अनुमानित
रिपोर्ट
प्राप्त
होना
शामिल
है।
तथ्य परीक्षकों ने इस संदर्भ में रेल मंत्रालय के दावे और वास्तविकताएं पेश की है:-
1) मुख्य सुधारों की वजह से आय में 12 प्रतिशत की वृद्धि : पिछले दो सालों की तुलना में आय : पिछले दो सालों की तुलना में रेलवे की आय कम रही है।
दावा : रेलवे में मुख्य सुधारवादी कदमों से 2014-15 में आय में 12.2 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।
वास्तविकता : 2014-15 के दौरान आय में 12 प्रतिशत की वृद्धि हुई है लेकिन 2013-14 की तुलना में इसमें 19 प्रतिशत की गिरावट आई है।
2) रेल पटरियों का विद्युतीकरण : पटरियों का विद्युतीकरण हर साल होता है।
दावा : 2014-15 के दौरान 1,375 किलोमीटर रेलवे का विद्युतीकरण किया गया, जिसे भारतीय रेलवे के लिहाज से सर्वोत्तम माना गया।
वास्तविकता : विद्युतीकरण आंकड़ों से पता चलता है कि इस तरह के रिकॉर्ड प्रत्येक वर्ष बनते हैं। पिछले आठ सालों की तुलना में रूट किलोमीटर के संदर्भ में 2013-14 और 2014-15 के दौरान रेल पटरियों के विद्युतीकरण में बढ़ोतरी सबसे कम रही है।
3) जैविक शौचालय, एक मुख्य उपलब्धि : 2009 से यह एक उपलब्धि रही है।
दावा : जैविक शौचालयों को 2014-15 में रेलवे की प्रमुख उपलब्धि माना जा रहा है।
वास्तविकता : जैविक शौचालयों की सबसे पहले 2009 में स्थापना की गई थी। 30 जून 2014 तक 4,356 यात्री गाड़ियों में 11,777 जैविक शौचालय स्थापित किए गए हैं।
4) मुंबई-अहमदाबाद बुलेट ट्रेन के लिए शोध कार्य पूरा
दावा : मुंबई-अहमदाबाद बुलेट ट्रेन के लिए जापान से अनुमानित रिपोर्ट प्राप्त हुई।
वास्तविकता : संसदीय आंकड़ों से पता चला है कि इस दिशा में 2002 से 2015 के दौरान अनुमानित शोध किया गया है।
5) रेलवे हेल्पलाइन शुरू की गई : इस हेल्पलाइन का इस्तेमाल संप्रग सरकार के सत्ता से बाहर होने से पहले ही शुरू हो गया था।
दावा : यात्रियों के लिए सुरक्षा हेल्पलाइन शुरू
वास्तविकता : इस योजना को संप्रग सरकार का कार्यकाल समाप्त होने से ठीक पहले 2010-11 में मंजूरी मिली थी। इसके तहत सतही कार्यो को पूरा करना, नोडल रेलवे क्षेत्र को अंतिम रूप देने, एजेंसी को क्रियान्वित करने, बजट (5.2 करोड़ रुपये) और दूरसंचार मंत्रालय के साथ समझौता किया गया।
6) 108 आदर्श स्टेशन : 2009 से प्रचलन में
दावा : आदर्श स्टेशन योजना के तहत 108 स्टेशनों पर यात्री सुविधाओं में सुधार किया गया।
वास्तविकता : यह एक नियमित प्रक्रिया है। 2009 में आदर्श स्टेशन योजना की शुरुआत हुई, जिसका उद्देश्य यात्रियों को स्वच्छ जल मुहैया कराना, शौचालय, सेवाएं देना, प्रतीक्षालय, शयन कक्ष की सुविधा उपलब्ध कराना है।
7) मेघालय में रेल पटरी बिछाना : पिछले 19 सालों से इस पर कार्य चल रहा है।
दावा : लुमडिंग-सिल्चर ब्रॉड गेज का उद्घाटन किया गया। इसके बाद मेघालय में भी रेल की शुरुआत हो गई।
वास्तविकता : लुमडिंग-सिल्चर खंड में अमान परिवर्तन का कार्य 1996-97 में ही शुरू हो गया था। इस लाइन को जारी रखने के लिए राशि का बंदोबस्त नहीं था और कानून एवं व्यवस्था संबंधी समस्याओं की वजह से इसमें देरी हो गई।
8) पूर्वी डेडिकेटिड फ्रेट कॉरीडोर के लिए विश्व बैंक ऋण : इसे पिछली सरकार ने मंजूरी दी थी।
दावा : पूर्वी डेडिकेटेड फ्रेट (ईडीएफ) के लिए विश्व बैंक से 1.1 अरब डॉलर ऋण का समझौता हुआ।
वास्तविकता : विश्व बैंक से ईडीएफ कॉरीडोर-2 के लिए 1.1 अरब डॉलर के ऋण के लिए मोदी सरकार के कार्यकाल से पहले ही 22 अप्रैल 2014 में मंजूरी मिल गई थी।
(आंकड़ा आधारित, गैर लाभकारी, लोकहित पत्रकारिता मंच, इंडियास्पेंड के साथ एक व्यवस्था के तहत। ये लेखक के निजी विचार हैं)
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।