चल गया पता, किन देशों से हैक किए 32 लाख एटीएम कार्ड
नेशनल पेमेंट कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया के अनुसार जो 32 लाख डेबिट कार्ड खतरे में हैं, उन्हें अमेरिका और चीन में इस्तेमाल किया गया है।
नई दिल्ली। नेशनल पेमेंट कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (एनपीसीआई) ने इस बात की पुष्टि कर दी है कि 32 लाख डेबिट कार्ड्स को दूसरी जगहों पर इस्तेमाल किया गया है। एनपीसीआई को इस बारे में तब पता चला जब कुछ बैंकों ने उससे शिकायत की कि उनके कुछ ग्राहकों के डेबिट कार्ड को चीन और अमेरिका में इस्तेमाल किया गया है, जबकि उसका मालिक भारत में रहता है।
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एनपीसीआई के अनुसार 641 ग्राहकों की तरफ से फ्रॉड ट्रांसजैक्शन की करीब 1.3 करोड़ शिकायतें आईं। ये 641 ग्राहक देश के 19 बैंकों के हैं। इस मामले में एनपीसीआई और वित्त मंत्रालय ने बैंक ग्राहकों को इस बात का भरोसा दिलाया है कि इससे निपटने के लिए जरूरी कदम उठा लिए गए हैं और उन्हें परेशान होने की कोई जरूरत नहीं है।
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फाइनेंशियल सर्विसेज के विभाग के अतिरिक्त सचिव जीसी मुर्मु ने पीटीआई को बताया कि सिर्फ 0.5 प्रतिशत बैंक ग्राहकों के डेबिट कार्ड की जाकारियां ही खतरे में पड़ी हैं, जबकि बाकी 99.5 फीसदी बैंक ग्राहक पूरी तरह से सुरक्षित हैं। जुलाई के अंत तक रिजर्व बैंक के आंकड़ों के अनुसार भारत में 69.72 करोड़ डेबिट कार्ड हैं।
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भारतीय स्टेट बैंक ने हाल ही में 6.25 लाख डेबिट कार्ड ब्लॉक किए हैं और इनके बदले नए डेबिट कार्ड जारी किए जाने हैं। इतना ही नहीं, स्टेट बैंक अपने ग्राहकों को इन कार्ड की वजह से हुए नुकसान का मुआवजा भी देगा। मुआवजे की कुल राशि 10 लाख से 12 लाख तक हो सकती है।
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