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टेलिकॉम सेक्टर में आएगा भूचाल, 25000 लोगों की नौकरी खतरे में
निजी क्षेत्र में काम करने वालो की सैलरी और नौकरी दोनों ही बाजार में होने वाले निर्णयों पर निर्भर करती है।
मुंबई।
निजी
क्षेत्र
में
काम
करने
वालो
की
सैलरी
और
नौकरी
दोनों
ही
बाजार
में
होने
वाले
निर्णयों
पर
निर्भर
करती
है।
किसी
भी
सेक्टर
में
हुआ
एक
बड़ा
फैसला
कई
लोगों
को
नौकरियां
दे
सकता
है
तो
दूसरी
तरफ
वो
सेक्टर
उनकी
नौकरियां
ले
भी
सकता
है।
नौकरी
जाने
का
डर
उस
उम्र
में
लोगों
को
ज्यादा
सताता
है
जब
नौकरी
मिलने
के
अवसर
कम
होते
हैं।
ऐसे
में
देश
के
बाजार
में
टेलिकॉम
सेक्टर
में
मची
उठापठक
के
बीच
इस
सेक्टर
में
काम
कर
रहे
लोगों
को
अपनी
नौकरी
जाने
का
डर
भी
सता
रहा
है।
राजस्व
का
कुल
4
से
4.5
फीसदी
तक
कर्मचारियों
पर
खर्च
टेलिकॉम
इंडस्ट्री
के
विशेषज्ञों
और
कार्यकारी
अधिकारियों
के
बीच
इस
बात
पर
एक
राय
नहीं
कि
बाजार
में
मची
उठापठक
के
बीच
कितने
लोगों
की
नौकरियां
जा
सकती
है।
पर
इस
बात
से
भी
इंकार
नहीं
कर
रहे
है
कि
लोगों
की
छंटनी
नहीं
की
जाएगी।
ईटी
की
खबर
के
मुताबिक
टेलिकॉम
सेक्टर
की
कंपनियां
के
राजस्व
का
कुल
4
से
4.5
फीसदी
तक
कर्मचारियों
पर
खर्च
होता
है।
कितने
लोगों
की
जा
सकती
है
नौकरी
ईटी
की
खबर
में
एक
एचआर
ने
पुष्टि
की
है
कि
इसमें
कोई
शक
नहीं
है
कि
टेलिकॉम
कंपनियों
के
मुख्यालयों
और
अन्य
ऑफिसों
में
काम
करने
वालों
पर
तलवार
लटक
रही
है।
उन्होंने
आशंका
जताई
कि
10,000
से
25,000
की
संख्या
में
लोगों
की
नौकरी
पर
संकट
आ
सकता
है।
वहीं
अप्रत्यक्ष
तौर
पर
इससे
प्रभावित
होने
वालों
की
संख्या
1
लाख
तक
पहुंच
सकती
है।
एक
कंपनी
के
अधिकरी
ने
ईटी
से
बातचीत
में
बताया
कि
दो
कंपनियों
के
आपस
में
विलय
के
बाद
ऑपरेशंस,
वर्कफोर्स
और
इंफ्रास्ट्रक्चर
के
अधिक
से
अधिक
इस्तेमाल
पर
ध्यान
देता
होता
है,
ऐसे
में
करीब
25
फीसदी
वर्तमान
में
काम
कर
रहे
लोगों
की
जरूरत
नहीं
रह
जाती
है।
आइडिया
और
वोडाफोन
के
विलय
को
लेकर
बाजार
गर्म
आपको
बताते
चलें
कि
बाजार
में
इस
समय
टेलिकॉम
सेक्टर
की
दो
बड़ी
कंपनियां
आइडिया
और
वोडाफोन
की
विलय
की
खबरों
के
बीच,
इन
कंपनियों
में
काम
करने
वाले
लोग
नई
नौकरियों
की
तलाश
में
हैं।
निजी
क्षेत्र
में
जियो
के
आने
के
बाद
से
ही
पूरी
तौर
पर
अन्य
टेलिकॉम
कंपनियां
पूरी
ताकत
के
साथ
इस
कंपनी
को
बाजार
में
टक्कर
देना
चाहती
हैं।
वहीं
दूसरी
तरफ
रिलायंस
कम्युनिकेशन
और
एयरसेल
के
बीच
भी
विलय
को
लेकर
बातचीत
जारी
है।
ऐसे
में
वो
कर्मचारी
वो
अपनी
नौकरी
बचाना
चाहते
हैं
वो
दूसरी
कंपनियों
में
नौकरियों
ढूंढ
रहे
हैं।
कितने
लोग
अभी
कर
रहे
हैं
काम
निजी
क्षेत्र
में
काम
करने
वाली
आइडिया
,
वोडाफोन,
रिलायंस
कम्युनिकेशन
और
एयरसेल
में
कम
से
कम
48,000
लोग
काम
कर
रहे
हैं।
टेलिकॉम
सेक्टर
में
कारोबार
की
कमी
के
बावजूद
हजारों
की
संख्या
में
लोगों
को
काम
दिया
जा
गया
है।
वहीं
टेलिकॉम
कंपनी
के
एक
व्यक्ति
की
नौकरी
पर
बाजार
में
दूसरे
छह
लोगों
की
नौकरी
टिकी
होती
है।
इसे
सेल्स
का
काम
देखने
वाले,
नेटवर्क
और
बीपीओ
में
काम
करने
वाले
लोग
भी
शामिल
होते
हैं।
टेलिकॉम
कंपनियों
के
अधिकारियों
के
मुताबिक
देश
में
एक
कंपनी
अपनी
सर्विस
फ्री
में
दे
रही
है।
ऐसे
में
पैसे
देकर
लोगों
को
सर्विस
देने
के
लिए
प्रेरित
करना
बहुत
कठिन
काम
है।
फ्री
सर्विस
ने
दूसरी
टेलिकॉम
कंपनियों
के
बिजनेस
को
खराब
किया
है।
इसका
असर
ही
सीधे
तौर
पर
लोगों
की
नौकरियों
पर
पड़ेगा।
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English summary
25,000 telecom sector jobs are at risk, know what is reason behind it?
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