Short Story: जब मोटे बंदर ने निकाली रात की भड़ास
नई दिल्ली। यह वाक्या है 21-22 फरवरी का, जब दिल्ली में एक मोटा-ताजा बंदर भूखा सो गया। रात को कुछ ऐसा हुआ, जिससे खिन्न उस मोटे बंदर ने अपनी भड़ास सुबह सवेरे निकाली।
STORY Ka BACKGROUND
दिल्ली के कई घरों पर धावा बोलकर एक मोटा बंदर अपने लिये खाने का सामान लाया। रात को छोटी सी चूक से सामान उसके हाथ से निकल गया और वह एक छोटा बंदर खा गया। [और भी हैं अजब गजब खबरें]
मोटे बंदर के जहन में रात की खुन्नस भरी हुई थी। बदले की आग दिल में धधक रही थी। मन कर रहा था कि अभी उस छोटे को कुचल डालूं, लेकिन सब्र कर रहा था। तभी अचानक एक कार आयी और उसमें से एक इंसान उतरा।
वह इंसान बंदरों के लिये कुछ खाने के लिये लाया था। बेचारे भूखे बंदर उस इंसान की तरफ उमड़ पड़े। उसके बाद क्या हुआ... कैसे एक अच्छा भला इंसान महायुद्ध का कारण बन गया देखें तस्वीरों में-
बंदरों के पास जब आया एक इंसान
जब एक इंसान इन बंदरों के पास आया, तो सभी उसकी तरफ उमड़ पड़े, ताकि कुछ खाने को मिल जाये।
नदारद रहे मोटा भाई
मोटा भाई यानी बड़े भाई, जी हां हम बंदरों के बड़े भाई की बात कर रहे हैं, जिन्हें रात को खुन्नस सवार हो गई थी।
आते ही शुरू हो गया झगड़ा
मोटा भाई आये और उनकी नजर उसी छोटे बंदर पर गई, जिसने रात को उसका खाना खाया था। फिर शुरू हो गई जंग।
बड़े ही बेरहम निकले मोटा भाई
बंदरों के बीच हुए इस महायुद्ध में मोटा भाई बड़े ही बेरहम निकले और बेचारे छोटे बंदर को नोंच डाला।
बेरहमी से काटा
छोटे बंदर को इस बड़े भाई ने बेरहमी से काटा, जिसमें बेचारा वो घायल तक हो गया।
अंतत: पटक दिया छोटे को
अंत में छोटे को पटक दिया और बोला, मुझसे जीतना मुश्किल ही नहीं नामुमकिन है।
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