खुले में नहीं करेंगे शौच, दूल्हा-दुल्हन ने आठवां फेरा ले खाई कसम
हिंदू रीति-रिवाज से शादी के दौरान दुल्हा-दूल्हन अग्नि को साक्षा मानकर सात फेरे लेते हैं। इन फेरों के जरिए वे एक-दूसरे का ताउम्र साथ निभाने की कसमें खाते हैं।
पटना। हिंदू रीति-रिवाज से शादी के दौरान दुल्हा-दूल्हन अग्नि को साक्षी मानकर सात फेरे लेते हैं। इन फेरों के जरिए वे एक-दूसरे का ताउम्र साथ निभाने की कसमें खाते हैं। लेकिन बिहार के मधेपुरा जिले में होने वाली एक शादी में दूल्हा-दुल्हन अग्नि के सामने आठवां फेरा लेंगे। आठवां फरे लेने की वजह स्वच्छता है। दूल्हा-हुल्हन दोनों का कहना है कि वे अग्नि के सामने आठवां फेरा वह स्वछता का लेंगे जिसमें स्वछता से लेकर खुले में शौच तथा साफ सफाई की कसमें खाई जाएगी।
मिली जानकारी के अनुसार बिहार के पूर्णिया जिले के बनवारी नगर इलाके के रहने वाले रविरंजन की शादी सोमवार को मधेपुरा जिले के ही रहने वाली गुड़िया से तय की गई है। शादी तय होने के बाद रवि रंजन में लड़की वाले के सामने एक शर्त रखी जिसमें शादी के समय सात फेरे के बजाए आठ फेरा लिया जाएगा और यह आठवां फेरा स्वछता का होगा। यह बात सुनने के बाद लड़की और उसके परिवार वाले दोनो राजी हो गए। फिर धूमधाम से शादी की तैयारी की जाने लगी । दूल्हा रविरंजन दिल्ली के एक होटल में सीनियर मेनेजर है तो दुल्हन गुड़िया गुड़गांव के एक कंपनी में सॉफ्टवेयर इंजीनियर।
जब इस शादी के बारे में दूल्हा रवि रंजन से बातचीत की गई तो उन्होंने बताया कि हमारा हमेशा से ही यह सोच था कि हमारी शादी में कुछ अलग हो इसीलिए हमने शादी में स्वच्छता को महत्वपूर्ण बनाया और शादी के निमंत्रण पत्र पर 'एक कदम स्वच्छता की ओर' और 'शौचालय बिन दुल्हन का सिंगार अधूरा है' जैसे श्लोक लिखवाएं।
इस तरह के ख्याल मन में आने को लेकर जब रवि रंजन से बातचीत की गई तो उन्होंने बताया कि गुजरात में काम करने के दौरान उनके मन में यह प्रेरणा आई। गुजरात में उनके एक मित्र की शादी हो रही थी जहां शादी में स्वच्छता की शपथ ली गई तभी हम ने भी अपनी शादी में स्वच्छता स्वच्छता की ओर विशेष ध्यान देने की कसमें खाई थी और आज यह पूरा होगा। हमारे इस फैसले से हमारे परिवार वाले के साथ साथ लड़की के परिवार वाले भी काफी खुश है।