शरद की चुप्पी के पीछे छिपा है कौन सा तूफान? मीडिया से भी नहीं कर रहे बात
नई दिल्ली। बिहार में नीतीश कुमार अब भारतीय जनता पार्टी के साथ मिलकर सरकार बना चुके हैं। इस मसले पर लगभग सभी दलों के नेता बोल चुके हैं हालांकि जनता दल यूनाइटेड के ही नेता शरद यादव की चुप्पी से सभी आशंका में हैं। बता दें कि शरद 26 जुलाई के बाद से ही मीडिया से बच रहे हैं। इसके अगले दिन जब शरद मानसून सत्र दौरान सदन में पहुंचे तो दूसरे गेट से गए क्योंकि वो पत्रकारों के सवालों से बचना चाह रहे हैं।
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इतना ही नहीं शरद इन दिनों अगर किसी मीटिंग या कार्यक्रम में जा रहे हैं तो भी ज्यादा बातचीत से बच रहे हैं। 26 जुलाई को जब नीतीश ने भाजपा के साथ जाने का फैसला किया वो शरद एक कार्यक्रम में थे। शरद, ज्यादा देर तक रुके नहीं और वापस चले आए। तमाम लोगों के मन में यह सवाल कौंध रहा है कि आखिर शरद की चुप्पी के पीछे किसी तूफान की आहट तो नहीं?
यह बात दीगर है कि शरद मीडिया से खुल कर बात करने के लिए जाने जाते हैं लेकिन बीते तीन दिन से वो सवालों और पत्रकारों से बच रहे हैं। वहीं अंग्रेजी वेबसाइट द वायर के मुताबिक शुक्रवार को (28 जुलाई) शरद यादव ने कि हम सांप्रदायिक शक्तियों के साथ नहीं जाएंगे। अब संग्राम होगा।
शरद ने कहा है कि वो सांप्रदायिक शक्तियों के साथ गठबंधन करने के नीतीश के फैसले के खिलाफ थे। द वायर के अनुसार शरद के करीबी सूत्रों ने जानकारी दी कि 26 जुलाई की रात वित्त मंत्री अरुण जेटली ने शरद से मुलाकात की थी। इस दौरान उन्होंने केंद्रीय मंत्री के पद की बात की थी लेकिन शरद यादव ने इसमें दिलचस्पी नहीं दिखाई।