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नोट बैन का हाल बताएंगे नौकरशाह, केंद्र ने भेजी विशेष टीम

काले धन और भ्रष्टाचार के खिलाफ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नोटबंदी के फैसले पर जनता क्या सोचना है? इसके पड़ताल की कवायद की जा रही है।

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पटना (बिहार)। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भले ही मोदी सरकार के नोटबंदी के फैसले की तारीफ की हो और इसके पूरे समर्थन की बात कही हो। जनता इस बारे में क्या सोचती है इसकी पड़ताल के लिए दिल्ली से बाकायदा नौकरशाहों की टीम भेजी गई है।

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बिहार में नौकरशाहों की टीम

काले धन और भ्रष्टाचार के खिलाफ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नोटबंदी के फैसले पर जनता क्या सोचना है? इसको लेकर पीएम मोदी ऐप के जरिए पड़ताल की कवायद की जा रही है। लोग ऐप पर जाकर इसमें नोटबंदी से जुड़े सवालों के जवाब देकर बता सकते हैं कि आखिर उन्हें ये फैसला कैसा लगा?

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इस बीच केंद्र सरकार ने अलग-अलग राज्यों और लोगों के बीच जाकर भी नोटबंदी के फैसले की पड़ताल की जा रही है। एनडीटीवी में छपी खबर के मुताबिक इसी कड़ी में केंद्र से पटना में तीन वरिष्ठ नौकरशाह भेजे गए हैं। जो आम लोगों से नोटबंदी पर उनका पक्ष जानने की कवायद में जुटे हैं।

पटना भेजे गए नौकरशाहों में से एक ने बताया कि बातचीत में पता चला है कि नोटबंदी से लोगों को कई तरह की समस्याएं हो रही हैं। इस मामले में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ऐप सर्वे में पता चला है कि लोग नोटबंदी के समर्थन में हैं। उन्हें कोई समस्या नहीं हो रही है।

नोटबंदी पर सरकार ले रही आम लोगों की राय

बता दें कि नोटबंदी के हालात की जानकारी के लिए देश के अलग-अलग हिस्सों में 80 नौकरशाहों को भेजा गया है, जो लोगों के ओपिनियन लेंगे। इसकी रिपोर्ट वित्त मंत्रालय को सौंपी जाएगी।

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बिहार पहुंचे नौकरशाहों को जो फीडबैक मिले उसमें नोटबंदी से सबसे ज्यादा किसान परेशान हैं। किसानों के लिए लोन का प्राथमिक स्त्रोत कोऑपरेटिव बैंक हैं।

हालांकि सरकार किसानों को कुछ रियायत देते हुए 500 रुपये के नोटों से बीज खरीदने की छूट दी है। इसके अलावा बैंक 25000 रुपये एक हफ्ते में बीज लोन के तौर पर निकालने की सहूलियत दी है। हालांकि बातचीत में किसानों ने एटीएम खराब होने, कैश नहीं मिलने जैसी समस्याओं को बयां किया है।

सरकार को सौंपा जाएगा लोगों का फीडबैक

बिहार कांग्रेस के अध्यक्ष अशोक चौधरी ने कहा कि जिस तरह के फीडबैक सामने आ रहे हैं उससे मुझे कोई ताज्जुब नहीं हो रहा है। जिस तरह से इस फैसले को लागू किया गया इससे कई संगठन आंदोलन की तैयारी भी कर रहे हैं।

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नौकरशाहों को हर जगह से एक सामान्य फीडबैक मिला है कि नोट निकालने की लिमिट को बढ़ाया जाना चाहिए। अभी हफ्ते में 24000 रुपये निकाले जा सकते हैं, जिसे लोगों ने 50000 रुपये करने की अपील की है। कई कारोबारियों के मुताबिक अगर ऐसा नहीं किया गया तो उनकी फैक्ट्री ठप हो जाएगी।

फिलहाल ये नौकरशाह अपनी रिपोर्ट को सौंपेंगे जिसके बाद वित्त मंत्रालय और सरकार के अधिकारी मिलकर इस मामले में और जरूरी कदम उठाएंगे।

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English summary
senior bureaucrats sent by the centre to assess the Noteban impact in Patna.
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