बिहार में 9-10 साल में हो रही शादियां, कानून का उड़ रहा मजाक
बिहार में एक 10 साल के लड़के की शादी 9 साल की लड़की से कराई गई। प्रशासन इस तरह के मामलों की तरफ से आंखें मूंदे हुए है।
पटना। बाल विवाह अधिनियम के तहत किए जाने वाले सभी दावे उस वक्त धराशायी हो जाते हैं जब किसी नाबालिग के सर पर सेहरा और बच्ची की मांग में सिंदूर भर दिया जाता है। बाल विवाह को रोकने के लिए सरकार चाहे लाख दावे करें पर यह रुकने का नाम नहीं ले रहा है। कुछ इसी तरह का मामला बिहार के सीतामढ़ी के एक महादलित गांव में देखने को मिला जहां बड़ी ही धूम-धाम से शादी की तैयारी की जा रही थी। जब बरात दरवाजे पर आई तो सभी चौंक गए क्योंकि सिर पर सेहरा बांधकर शादी करने के लिए आया हुआ लड़का 10 साल का था।
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लड़के के गले में वरमाला डालने के लिए तैयार लड़की की उम्र भी लगभग 9 साल की थी। सीतामढ़ी के सोनबरसा पंचायत के महादलित इलाके में खुलेआम बाल विवाह कानून की धज्जियां उड़ाई जा रही थी। वही शादी में शामिल सभी लोग लड़के और लड़की को आशीर्वाद दे रहे थे।
मिली जानकारी के अनुसार सोनबरसा गांव के रहने वाले उपेंद्र मलिक अपने 10 वर्षीय बेटे की शादी पड़ोस में रहने वाले मिर्जापुर गांव के योगेंद्र मल्लिक की 9 वर्षीय बेटी के साथ तय की थी। शादी तय होने के बाद शादी के लिए एक शुभ मुहूर्त का दिन तय किया गया। फिर सभी रस्म-रिवाज को पूरा करते हुए लड़के वाले लड़की वाले के यहां बारात लेकर पहुंचे। रीति रिवाज के अनुसार इन दोनों की शादी करा दी गई।
शादी को देखने के लिए लगभग सैकड़ो लोग वहां जमा रहे। बैंड बाजे और नाच गानों के साथ पूरी हुई इस शादी में कई ऐसे लोग मौजूद थे जिन्हें इस शादी से ऐतराज था पर किसी ने भी इसका विरोध नहीं किया। लेकिन जब इस बात की जानकारी गांव की मुखिया नीतू कुमारी को मिली तो मौके पर पहुंचकर उन्होंने परिवार वालों से शादी रोकने की बात कही पर लड़का और लड़की के परिवार वालों ने उनकी बात नहीं मानी और शादी के बाद अपनी बहू को लेकर घर चले गये।
लड़का लड़की के विदा होने के बाद मामला नजदीकी थाने से लेकर बी डी ओ तक पहुंचा। पर कोई भी इस मामले में कार्रवाई करने की बात नहीं कर रहा है। सोनबरसा की बी डी ओ कामिनी देवी से जब इस बारे में पूछा गया तो उन्होंने ने भी बात को टालते हुए कहा कि अगर ऐसी शादी हुई है तो इसके बारे में पता लगाकर कार्रवाई की जाएगी। थाने के अधिकारी भी इस शादी से अनजान है। आपको बताते चलें कि प्रशासन की लचर व्यवस्था के कारण आज भी महादलित समुदाय में खुलेआम बाल विवाह कराया जा रहा है।
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