बिहार में पुलिसवाले नहीं चाहते प्रमोशन, चिट्ठी लिखकर किया मना
पटना। जंगलराज जैसे शब्दों की उपमा दिए जाने वाले बिहार की तस्वीर बदलने के लिए नीतीश कुमार भले ही आए दिन अहम कदम उठा रहे हों, लेकिन बिहार की समस्याएं खत्म होने का नाम नहीं ले रही हैं। नीतीश सरकार की तरफ से बिहार में शराबबंदी कानून लागू करना भी एक बड़ी समस्या बनकर सामने आ रहा है।
शराबबंदी कानून के चलते बिहार के पुलिस अधिकारी कह रहे हैं कि उन्हें नौकरी में कोई प्रमोशन नहीं चाहिए। पुलिसवालों के प्रमुख प्रशासनिक संगठन बिहार पुलिस एसोसिएशन के मुताबिक, करीब 200 से अधिक पुलिस अधिकारी थाना इंचार्ज (एसएचओ या स्टेशन हाउस ऑफिसर) उन्हें दिए गए थानों का प्रभार लेने से भी मना कर चुके हैं।
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चिट्ठी लिखकर प्रमोशन के लिए किया मना
ऐसा नहीं कि ये मनाही सिर्फ बोलकर की गई हो, बल्कि इसके लिए पुलिस अधिकारियों लिखित में अपनी बात कही है। महज तीन दिनों के अंदर ही ये सारे पत्र लिखे गए हैं। शराबबंदी कानून को लेकर राज्य में चल रही सख्ती के चलते ही पुलिसवाले अपना प्रमोशन नहीं कराना चाहते हैं और किसी भी थाने का प्रभार नहीं लेना चाहते हैं।
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शराब पीने वाले के पूरे परिवार को मिलेगी सजा
आपको जानकर हैरानी होगी कि इसी महीने बिहार के विधायकों ने शराबबंदी के लेकर बने एक कानून को मंजूरी दी है। इस नए कानून के अनुसार अगर कोई वयस्क व्यक्ति शराब पीते हुए पकड़ा गया तो न सिर्फ उसे बल्कि उसके पूरे परिवार को सजा दी जाएगी। इतना ही नहीं, जिस थाना क्षेत्र के तहत ऐसी घटना सामने आएगी, वहां पर शराब पीने पर लगाम लगाने के लिए जिम्मेदार पुलिसवाले पर भी भारी जुर्माना लगाया जाएगा।
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11 थाना इंचार्ज हो चुके हैं निलंबित
इसी का नतीजा है कि पिछले सप्ताह करीब 11 थाना इंचार्ज को 10 साल के लिए निलंबित कर दिया गया है, क्योंकि उनके थाना क्षेत्र में अवैध शराब बनाने की सूचना मिली और साथ ही शराब बनाने में इस्तेमाल होने वाले बर्तन और उपकरण भी पाए गए। बिहार पुलिस एसोसिएशन के सचिव मृत्युंजय कुमार कहते हैं कि अच्छा काम करने पर पुलिस को पुरस्कार देने के बजाए बेकार के आधारों पर सजा दी जा रही है।
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पुलिस वालों का करियर खतरे में
बिहार पुलिस एसोसिएशन की मांग है कि अगर उन्हें किसी भी पुलिसवाले की तरफ से उसका काम ठीक से न करने की सूचना मिलती है या फिर कोई अपने काम करने से चूकता है, तो उन्हें निलंबित करने से पहले पूरी जांच की जानी चाहिए। पुलिस अधिकारी कहते हैं कि इस नए शराबबंदी कानून से उनका करियर ही खतरे में पड़ गया है।
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शराबबंदी कानून से सरकार को 4000 करोड़ का नुकसान
बिहार सरकार को शराबबंदी कानून लागू करने से करीब 4000 करोड़ रुपए के राजस्व का नुकसान हुआ है। जैसे ही नीतीश कुमार तीसरी बार बिहार के मुख्यमंत्री चुने गए, उन्होंने लोगों से किए वादे के अनुसार सबसे पहले राज्य में शराब बेचने और पीने पर बैन लगा दिया। शराबबंदी को नीतीश सरकार ने एक झटके में लागू कर दिया और इसे 'सामाजिक आंदोलन' की संज्ञा भी दे दी।