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बिहार: देख नहीं सकती लेकिन भीख मांग कर महिला ने पूरा किया मोदी का सपना

महिला के सिर पर ना तो छत है और ना ही कोई कमाने वाला। उसका पति बीमारी से लाचार है जो सही से चल भी नहीं पाता। घर में एक 3 वर्षीय बच्ची भी है जिसकी मां जन्म देने के बाद ही मर गई।

By Arvind Kumar
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पटना। राज्य सरकार के द्वारा गरीबों के हित में लागू की गई योजनाओं से गरीब कितने लाभांवित हो रहे हैं इसका उदाहरण मुंगेर की रहने वाली एक वृद्ध नेत्रहीन महिला ने भीख मांग कर कार्य को पूरा करते हुए पेश किया है। नेत्रहीन महिला ने भीख में मिले एक एक पैसे को जमा कर स्वच्छ भारत अभियान को सफल बनाने तथा देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सपने को पूरा करने के लिए शौचालय का निर्माण करवाया है। नेत्रहीन महिला के द्वारा इस तरह के कार्य को देख पूरे जिले में उसके हौसले की चर्चा हो रही है। जिला प्रशासन के द्वारा अब उस महिला को इस कार्य के लिए सम्मानित करने का फैसला किया गया है।

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मिली जानकारी के अनुसार, बिहार के मुंगेर जिले के धरहरा प्रखंड के हेमजापुर की रहने वाली नेत्रहीन महिला मुसो देवी भीख मांगकर अपने और अपने परिवार का जीवनयापन करती है। महिला के सिर पर ना तो छत है और ना ही कोई कमाने वाला। उसका पति बीमारी से लाचार है जो सही से चल भी नहीं पाता। घर में एक 3 वर्षीय बच्ची भी है जिसकी मां जन्म देने के बाद ही मर गई और नेत्रहीन महिला के बेटे ने किसी दूसरी महिला से शादी कर कहीं और घर बसा लिया। वहीं, बीमार पति और मासूम बच्ची के साथ एक नेत्रहीन महिला है जो पूरे परिवार को चला रही है। परिवार चलाने के लिए महिला के पास भीख मांगने के सिवाय और कोई रास्ता नहीं है क्योंकि ना तो उसके पास जमीन है और ना ही कोई सहारा।

मुसो देवी का कहना है कि मजबूरी को देखते हुए गांव वालों के द्वारा हाईवे के किनारे बसने के लिए जमीन का एक छोटा सा टुकड़ा दिया गया है। जिसमें वे लोग झोपड़ी बनाकर रहते हैं। पिछले 3-4 वर्षों से उसका पति बीमारी से पीड़ित है। पति के बीमार होने के बाद घर में खाने पीने के लाले पड़ गए। जिसे देखते हुए मुसो ने नेशनल हाईवे पर आने जाने वाली गाड़ियों से भीख मांगने का काम शुरू कर अपना और अपने परिवार का पेट पालना शुरू किया। वहीं, शौच के लिए सड़क के किनारे या फिर खेत में जाना पड़ता है। लेकिन, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अपील के बाद नेत्रहीन महिला ने घर में शौचालय बनवाने का फैसला किया।

नेत्रहीन महिला ने पाई-पाई जोड़कर शौचालय बनवाने की ठानी लेकिन निर्माण के दौरान कुछ पैसे कम पड़े जिससे मजदूरों और गिट्टी बालू वाले का बकाया पूरा नहीं हो सका जिसे अब वह भीख मांगकर पूरा करेगी। महिला ने कहा कि आंखों से नेत्रहीन होने के बाद भी शौच के लिए खेत में जाने के दौरान काफी परेशानी आती थी। कई बार तो खेत में ही वह गिर गई जिससे उसकी हाथ की हड्डी टूट गई। ऐसे में महिला ने घर में शौचालय का निर्माण करवाया है जिससे उसके परिवार के लोग और वह काफी सुरक्षित महसूस कर रहे हैं।

वहीं वृद्ध नेत्रहीन महिला मुसो देवी के बीमार पति ने नीतीश सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि सरकार गरीबों के लिए सिर्फ दिखावा करती है। सरकार के द्वारा गरीबों के हित के लिए कई योजना शुरु की गई है लेकिन आज तक किसी भी योजना का लाभ नहीं मिला। ना ही अभी तक नेत्रहीन महिला और उसके पति को वृद्धा पेंशन मिली है और ना ही राशन कार्ड और इंदिरा आवास की योजना का लाभ।

ऐसे में, जिला उपविकास आयुक्त रामेश्वर पांडेय के द्वारा मुसो देवी के हौसले को सलाम करते हुऐ उसे सम्मानित करने का फैसला लिया गया है। उनका कहना है कि स्वच्छ भारत मिशन अभियान को सफल बनाने के लिए शौचालय का निर्माण करवाने वाली महिला को जल्द ही योजना के लिए निर्धारित राशि का भुगतान कर दिया जाएगा। वहीं, उसे सरकार की वे सभी सुविधा दी जाएंगी जो गरीबों के हितों के लिए लागू की गई हैं। ये भी पढ़ें: अजीबोगरीब बीमारी, बादल गरजते ही टूटने लगती है इस लड़की की हड्डियां

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English summary
patna a old lady built toilet to beg money in bihar.
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