मोदी ने बताया नीतीश के खून में है कांग्रेस का विरोध, बीजेपी से बैठती है पटरी
पटना।
बिहार
की
राजनीति
पिछले
कई
दिनों
से
गर्म
है
और
ऐसे
कयास
लगाए
जा
रहे
हैं
कि
जल्द
ही
महागठबंधन
ढह
सकता
है।
इस
सियासी
घमासान
के
बीच
बिहार
के
पूर्व
उप-मुख्यमंत्री
सुशील
कुमार
मोदी
ने
कहा
है
कि
नीतीश
कुमार
हमेशा
से
ही
बीजेपी
के
साथ
सहज
महसूस
करते
हैं
और
वे
कांग्रेस
के
साथ
कभी
भी
खुश
नहीं
रह
सकते
क्योंकि
एंटी
कांग्रेस
उनके
खून
में
है।
लालू को उजागर करने में बिहार सरकार का हाथ
सुशील कुमार मोदी ने हाल ही में राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव और उनके परिवार पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगाए हैं उसके बाद सीबीआई ने लालू यादव के कई ठिकानों पर छापेमारी भी की है। गुरुवार को मोदी ने संकेत देते हुए कहा 'लालू के घोटालों को उजागर करने के लिए बिहार सरकार के कुछ लोगों से उन्हें पेपर्स मिले हैं'।
साथ ही मोदी ने कहा कि नीतीश कुमार बीजेपी गठबंधन के साथ कभी भी आ सकते हैं। मोदी के अनुसार 'वाजपेयी के दौर में जब नीतीश रेल मंत्री थे तब वह उनके राजनीतिक करियर का स्वर्ण काल था'।
नीतीश ने बीजेपी के साथ रहकर हासिल किया सब-कुछ
नीतीश के साथ एक बार फिर से हाथ मिलाने का संकेत देते हुए सुशील कुमार मोदी ने कहा कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का बीजेपी के साथ प्रदर्शन हमेशा शानदार रहा हैं। 'नीतीश ने जो कुछ भी हासिल किया हैं वह बीजेपी के साथ 17 साल तक रहकर ही किया। आज नीतीश कुमार एक अच्छे सीएम के रूप में नहीं दिखाई देते क्योंकि वे अब बीजेपी के साथ नहीं हैं।
नीतीश के खून में हैं एंटी कांग्रेस
जेपी आंदोलन को याद करते हुए मोदी ने कहा, 'नीतीश जेपी आंदोलन से सक्रिय राजनीति में आए हैं। वे कांग्रेस के साथ कभी भी खुश नहीं रह सकते। एंटी कांग्रेस उनके खून में है। कौन किसके साथ जाएगा वो आने वाला भविष्य ही बताएगा'
गठबंधन अभी रहेगा
बीजेपी नेता सुशील मोदी ने यह भी कहा कि महागठबंधन अभी इतना जल्दी टूटने वाला नहीं है। मोदी के अनुसार 'इस सरकार को गिराने में लालू यादव ही आखिरी इंसान होंगे। यहां तक कि तेजस्वी यादव को भी अपने पद से इस्तीफा देना पड़े फिर भी सरकार बनी रहेगी'। लालू इस सरकार को बिल्कुल गिरने नहीं देंगे लेकिन मुझे लगता है कि यह गठबंधन छह माह से एक साल तक अभी चल सकता है।
जब से बीजेपी को 2015 बिहार चुनाव में करारी हार का सामना कर पड़ा है तभी से महागठबंधन (जदयू-राजद-कांग्रेस) के टूटने की आश लगाए बैठे हैं ताकि नीतीश एक बार फिर एनडीए का हाथ थाम लें।