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क्या अपने नेताओं से जमीन लेकर केंद्र में मंत्री बनवाते थे लालू यादव ? बड़ा खुलासा

सुशील मोदी का आरोप है कि लालू ने कांति सिंह को मंत्री बनाने के लिए 30 कट्ठा जमीन 99 साल के लीज पर लिया।

By Vikashraj Tiwari
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नई दिल्ली। आरजेडी प्रमुख लालू यादव के खिलाफ एक के बाद एक खुलासे हो रहे है। नए खुलासे के मुताबिक लालू यादव यूपीए-1 और यूपीए-2 के शासन में अपने नेताओं से जमीन लेते थे और बदले में उन्हे केंद्र में मंत्री बनवाते थे। पहला नाम रघुनाथ झा का आया था जिन्हे लालू यादव में गोपालगंज में उनसे घर लेकर मंत्री बनवाया था अब दूसरा नाम पूर्व केंद्रीय मंत्री कांति सिंह का सामने आया है जिनको मंत्री बनने के लिए लालू को अपनी तीस कठ्ठा जमीन देनी पड़ी थी।

 कांति सिंह को मंत्री बनने के लिए देनी पड़ी थी जमीन

कांति सिंह को मंत्री बनने के लिए देनी पड़ी थी जमीन

बिहार के पूर्व उप मुख्यमंत्री सुशील मोदी का आरोप है कि लालू ने कांति सिंह को मंत्री बनाने के लिए 30 कट्ठा जमीन 99 साल के लीज पर लिया. मोदी ने दस्तावेज पेश करते हुए कहा कि 13 मार्च 2006 को कांति सिंह से राबड़ी देवी के नाम पर 95 डिसमिल यानी 30 कट्ठा जमीन लीज पर ली गई. दानापुर के सगुना मोड पर करोड़ों रुपये की इस जमीन पर लालू प्रसाद यादव की गौशाला है, जिसका किराया सिर्फ 1250 रुपये है और जिस पर लालू परिवार का कब्जा 2105 तक रहेगा. हालांकि इसका किराया और टैक्स का शुल्क कांति सिंह को ही वहन करना है।

लालू यादव को आलीशान मकान देकर मंत्री बने थे रघुनाथ था

लालू यादव को आलीशान मकान देकर मंत्री बने थे रघुनाथ था

खुलासे के मुताबिक पूर्व केंद्रीय मंत्री रघुनाथ झा भी लालू यादव को अपना आलीशान घर देकर मंत्री बने थे, दरअसल रघुनाथ झा 1999 से लेकर 2004 तक गोपालगंज से जनता दल के सांसद थे लेकिन साल 2004 में जदयू ने उन्हें दोबारा टिकट देने से इनकार कर दिया। तब झा ने राजद के टिकट पर बेतिया से लोकसभा का चुनाव जीता था और लालू यादव की पसंद पर केन्द्र की मनमोहन सिंह सरकार में मंत्री भी बनाए गए थे। इसके बाद साल 2005 में रघुनाथ झा गोपालगंज स्थित अपने आलीशान मकान को लालू यादव के दोनों बेटों के नाम कर दिया। चूंकि दोनों बेटे उस वक्त नाबालिग थे, इसलिए उनकी मां राबड़ी देवी को उनका कानूनी और प्राकृतिक अभिभावक बनाया गया था। उस वक्त राबड़ी देवी राज्य की मुख्यमंत्री थीं।

नेताओं ने मजबूरन लालू के नाम लिखी थी कीमती संपत्ति

नेताओं ने मजबूरन लालू के नाम लिखी थी कीमती संपत्ति

सुशील मोदी ने सवाल उठाया है कि आखिर कांति सिंह ने रघुनाथ झा की तरह अपनी करोड़ों रुपये संपत्ति को राबड़ी देवी को क्यों सौंपी? उनका आरोप है कि लालू प्रसाद यादव ने साल 2004 से 2009 के यूपीए-1 की सरकार में कांति सिंह को मानव संसाधन और भारी उद्योग पर्यटन जैसे विभाग का मंत्री बनाकर रखा. रघुनाथ झा और कांति सिंह जैसे लोगों को केंद्रीय मंत्री बनाने के लिए अपनी कीमती संपत्ति मजबूरन लिखनी पड़ी थी।

सुशील मोदी का हमला जारी है

सुशील मोदी का हमला जारी है

बीजेपी के वरिष्ठ नेता सुशील कुमार मोदी का आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव पर हमला जारी है. पिछले 23 दिनों में आठ प्रेस कांफ्रेंस कर मोदी ने लालू यादव और उनके परिवार की संपत्ति का खुलासा किया है।उन्होंने मिट्टी घोटाले के बाद अब टिकट और केंद्रीय मंत्री बनाने के बदले जमीन और मकान लिखवाने का आरोप आरजेडी अध्यक्ष पर लगाया है। सुशील मोदी ने पहले रघुनाथ झा को मंत्री बनाने के लिए लालू प्रसाद यादव पर उनकी गोपालगंज स्थित जमीन और मकान लिखाने का आरोप लगाया था।

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