भागलपुर के इस मरीज को देखते ही चकरा गए डॉक्टर, कहा- जीवन में नहीं देखा ऐसा रोग
बिहार स्थित भागलपुर मरीज के साथ हार्ट पर प्रेशर, सांस की बीमारी या इंटेसटाइन चॉक होने यानी बंद होने जैसी परेशानी हो सकती है।
भागलपुर। बिहार के भागलपुर अस्पताल में एक ऐसा मरीज इलाज कराने के लिए आया जिसे देख हॉस्पिटल के डॉक्टर आश्चर्यचकित रह गए। तो उस मरीज को देखने के लिए जिले से कई ऐसे डॉक्टर आए जिनका नाम जिले के टॉप डॉक्टरों में दर्ज था। पर सभी ने उस मरीज को देखकर यही कहा कि अपने कैरियर में आज तक ऐसा मरीज हमने कभी नहीं देखा है। यह अब तक सही सलामत है यही ऊपर वाले का शुक्र है। अब आप सोच रहे होंगे कि उस मरीज को कौन सी बीमारी थी जिसके कारण जिले के बड़े बड़े डॉक्टर चकरा गए। तो हम आपको बताते चलें कि मरीज जिस बीमारी का इलाज कराने आया था उस बीमारी का तो पता पता नहीं। पर उसकी जांच करते हैं डॉक्टरों की जिज्ञासा उसके बारे में जानने की और बढ़ गई।
दरअसल
,महिषामुंडा
कहलगांव
के
रहने
वाले
मो.
शफीक
भागलपुर
के
अस्पताल
के
डाइग्नोस्टिक
विंग
में
सर्दी
खासी
से
परेशान
होकर
पहुंचा
था।
जिसने
डॉक्टरों
से
कहा
कि
पिछले
दो
हफ्तों
से
उसे
सर्दी
खासी
परेशान
कर
रखा
है।
उसकी
परेशानी
सुनने
के
बाद
डॉक्टरों
ने
उसका
ट्रीटमेंट
की
प्रक्रिया
शुरु
कर
दी।
लेकिन
ट्रीटमेंट
के
दौरान
डॉक्टरों
को
पता
चला
कि
जिस
मरीज
का
हाल
इलाज
कर
रहे
हैं
उसकी
छाती
में
किडनी,
लीवर
और
आंत
है।
शरीर
की
इस
अजीबोगरीब
संरचना
को
देख
डॉक्टर
हैरान
हो
गय।
और
इसकी
जानकारी
अपने
सीनियर
डॉक्टर
को
दिया।
हलाकि
मरीज
अभी
सामान्य
जीवन
जी
रहा
है।
पर
मेडिकल
कॉलेज
के
डॉक्टरों
ने
इसे
रेयरेस्ट
आफ
द
रेयर
केस
मानते
हुए
रिसर्च
सेंटर
भेजने
की
बात
कही
है।
वही
मरीज
का
कहना
है
कि
लगभग
एक
सप्ताह
तक
दवा
खाने
के
बाद
भी
आराम
नहीं
मिला
तो
इलाज
के
लिए
यहां
आए
हैं
पर
डॉक्टर
हमें
अजीबोगरीब
बात
बता
रहे
हैं।
रेडियोलॉजिस्ट
डा.
प्रसून
कुमार
का
कहना
है
कि
एक्स-रे
की
रिपोर्ट
देखने
के
बाद
उनकी
जिज्ञासा
बढ़
गई।
और
उन्होंने
इस
केस
पर
विभागाध्यक्ष
डॉ.
एके
मुरारका
और
डॉ.
मुकेश
बिहारी
से
विमर्श
किया।
विभागाध्यक्ष
भी
रिपोर्ट
देख
चौंक
गए
और
बिना
एडवाइस
मरीज
का
नि:शुल्क
अल्ट्रासाउंड
और
सिटी
स्कैन
कर
आंतरिक
बनावट
को
जानने
का
प्रयास
किया।
लेकिन
जांच
में
यह
स्पष्ट
हुआ
कि
मरीज
की
दायीं
किडनी,
आंत
और
लीवर
छाती
में
हैं।
इसके
बाद
मेडिसिन
विभाग
के
वरिष्ठ
चिकित्सक
डा.
विनय
कुमार
के
साथ
डॉक्टरों
ने
मशविरा
कर
मरीज
को
किसी
रिसर्च
सेन्टर
में
रेफर
करने
का
निर्णय
लिया
है।
पर
मरीज
फिलहाल
सामान्य
है
लेकिन
डॉक्टरों
का
कहना
है
कि
आगे
इसके
साथ
हार्ट
पर
प्रेशर,
सांस
की
बीमारी
या
इंटेसटाइन
चॉक
होने
यानी
बंद
होने
जैसी
परेशानी
हो
सकती
है।
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