शहीद रंजीत ने कहा था, 28 मई को घर आऊंगा! इंतजार में परिजन...
शहीद रंजीत ने वादा किया था कि 28 मई को वो घर वापस आएंगे लेकिन उनकी शहादत की खबर आई जिसके बाद उनके परिवार में शोक छा गया।
पटना। छत्तीसगढ़ के सुकमा के नक्सली हमले में शहीद हुए बिहार के वीर सपूतों की शहादत की खबर सुनकर उनके घरों में मातम छा गया। बुजुर्ग मां-बाप से बेटा छिन गया तो पत्नियों ने जीवनसाथी खो दिया। शहादत की खबर पाते ही घर के सभी दहाड़ें मारकर रोने लगे। इन जवानों में शेखपुरा के रंजीत कुमार भी शामिल हैं जिन्होंने घरवालों से 28 मई को घर आने का वादा किया था लेकिन उससे पहले उनके शहीद होने की खबर आई।
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रंजीत की राह देख रहे थे परिजन
नक्सली हमले में शहीद हुए बिहार के शेखपुरा जिला के रहने वाले रंजीत कुमार के इंतजार में उनक घरवाले दिन गिन रहे थे। रंजीत कुमार ने वादा किया था कि वो 28 तारीख को घर आएंगे। शेखपुरा जिले के वीर सपूत रंजीत की मौत की खबर सुनने के बाद पूरा उनके फूलचोठ गांव में शोक छा गया। परिवार वालों के साथ-साथ पूरे गांव रो पड़ा।
मासूम बच्चे पिता को खोज रहे
शहीद के दो मासूम बेटे सतीश और विकास बार-बार यही पूछ रहे थे कि उनके पिता को क्या हो गया और उनके आंसू रुकने का नाम नहीं ले रहे थे। रंजीत के बूढ़े पिता इंद्रदेव यादव और वृद्ध मां मानो देवी बार-बार बेहोश होकर गिर जा रही थी। पूरा परिवार सदमे में है।
'छुट्टी लेकर 28 मई को घर आऊंगा'
आपको बताते चलें कि रंजीत सीआरपीएफ में वर्ष 2011 में भर्ती हुए थे। उनकी शादी सात साल पहले सुनीता देवी से हुई थी। परिवारवालों ने बताया कि 2 दिन पहले उनसे बातचीत हुई थी तभी उन्होंने 28 मई को छुट्टी लेकर आने का वादा किया था। पर उनके आने से पहले उनकी मौत की खबर आ गई।
जवान नरेश यादव की शहादत से घर में मातम का माहौल
दूसरी तरफ नक्सली हमले में शहीद हुए बिहार के दरभंगा जिले के अहिला गांव के रहने वाले जवान नरेश यादव के शहीद होने की खबर मिलने के बाद घर में कोहराम मच गया। लोगों का रो-रो कर बुरा हाल होने लगा। पत्नी बार-बार बेहोश हो जा रही है तो उनके दो लड़के और एक लड़की, सभी अपने पिता की मौत पर आंसू बहा रहे हैं। वहीं गांव की महिलाएं उनके परिवारवालों को समझाने में लगे हुए हैं। सभी लोग शहीद के शव आने का इंतजार कर रहे हैं।
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