बिहार न्यूज़ के लिए
नोटिफिकेशन ऑन करें  
Oneindia App Download

इस 'पाकिस्तान' में दी जाती है तिरंगे को सलामी, होती है हनुमान की पूजा

जिस वक्त भारत और पाकिस्तान का बंटवारा हो रहा था उसी वक्त इस गांव का नाम पाकिस्तान टोला रख दिया गया। क्योंकि बंटवारे में यहां के ज्यादातर लोग पाकिस्तान चले गए थे।

By Gaurav Dwivedi
Google Oneindia News

पटना। एक पाकिस्तान ऐसा भी है जहां लोग 15 अगस्त और 26 जनवरी को बड़े ही शान से तिरंगे को सलाम करते हैं। गांव का नाम पाकिस्तान है लेकिन इस पाकिस्तान में एक भी मुस्लिम परिवार नहीं रहता है। यह पाकिस्तान बिहार के पूर्णिया में है। इस पाकिस्तान में रहने वाले लोगों के दिलों में सिर्फ देशभक्ति की भावना पलती है।

Read more:# R-Day: देखिए देश के पहले गणतंत्र दिवस का वीडियो, गर्व से सीना चौड़ा हो जाएगाRead more:# R-Day: देखिए देश के पहले गणतंत्र दिवस का वीडियो, गर्व से सीना चौड़ा हो जाएगा

कैसे पड़ा गांव का नाम पाकिस्तान ?

कैसे पड़ा गांव का नाम पाकिस्तान ?

ये पाकिस्तान बिहार के पूर्णिया जिले के श्रीनगर प्रखंड में बसा है। इस गांव की खासियत यह है कि नाम पाकिस्तान होते हुए भी यहां एक भी परिवार मुसलमान नहीं है और यहां तिरंगे को सलामी जितने शान से दी जाती है उतनी ही शान से भगवान की पूजा भी की जाती है। इस गांव के बुजुर्गों का कहना है कि जिस वक्त भारत और पाकिस्तान का बंटवारा हो रहा था उसी वक्त इस गांव का नाम पाकिस्तान टोला रख दिया गया। क्योंकि बंटवारे में यहां के ज्यादातर लोग पाकिस्तान चले गए थे। तभी से यह गांव पाकिस्तान टोला के नाम से प्रचलित हो गया। तो दूसरी तरफ इस गांव को पाकिस्तान टोला कहने के पीछे एक और वजह बताई जाती है। जिसमें यह कहा गया है कि जब साल 1971 में भारत-पाकिस्तान के बीच घमासान युद्ध हो रहा था तभी पूर्वी पाकिस्तान के कुछ लोग इस गांव में अपना डेरा जमाए हुए थे। उनके यहां रहने की वजह से ही इस गांव का नाम पाकिस्तान टोला रख दिया गया। लेकिन जब बांग्लादेश बना तो इस पाकिस्तान टोला में रहने वाले पुर्वी पाकिस्तानी के लोग इसे छोड़कर बांग्लादेश चले गए।

पाकिस्तान में गूंजता है 'जय हनुमान'

पाकिस्तान में गूंजता है 'जय हनुमान'

यहां जितने शान से तिरंगे को सलामी दी जाती है उतनी ही शान से हनुमान की आराधना भी होती है। क्योंकि इस गांव में अधिकतर आदिवासी लोग बसे हैं और आदिवासी भगवान हनुमान की पूजा करते हैं।

लेकिन विकास से कोसों दूर है पाकिस्तान

पाकिस्तान टोला नाम से चर्चित बिहार का यह गांव अपने नाम की बदनामियों का दंश झेल रहा है। क्योंकि पाकिस्तान टोला नाम सुनते ही लोग इन्हें हीन भावना से देखते हैं। इस गांव की आबादी लगभग 500 लोगों की है और इन लोगों में ज्यादातर आदिवासी हैं। इस गांव में ना तो सरकार की दी हुई कोई सुविधा नजर आती है और ना ही विकास की बातें सुनने को मिलती है। जिसकी वजह से यहां के लोग अशिक्षित ही रह जाते हैं।

'पाकिस्तान' नाम की वजह से नहीं मिलता है लोगों को रोजगार

'पाकिस्तान' नाम की वजह से नहीं मिलता है लोगों को रोजगार

पाकिस्तान टोला में रहने वाले लोगों का कहना है कि गांव के नाम की वजह से उन्हें कोई नौकरी नहीं देता। जब वो कहीं नौकरी के लिए जाते हैं तो उनका पहचान पत्र देखकर ही लोग इन्हें पाकिस्तानी बुलाने लगते हैं। तो वहीं दूसरे गांव के लोग भी इनसे रिश्ता जोड़ने में कतराते हैं।

नहीं पता यहां लोगों को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का नाम

नहीं पता यहां लोगों को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का नाम

इसी बात से इस गांव का अंदाजा आप लगा सकते हैं कि यहां के लोगों का क्या हाल है? क्योंकि इस गांव में रहने वाले लोगों को यह भी पता नहीं है कि देश में किसकी सरकार है और बिहार में विकास की तो बात छोड़ ही दीजिए।

<strong>Read more: बिहार: पहाड़ को काटकर लोगों ने बनाया रास्ता, हौसले को हर कोई कर रहा है सलाम</strong>Read more: बिहार: पहाड़ को काटकर लोगों ने बनाया रास्ता, हौसले को हर कोई कर रहा है सलाम

Comments
English summary
Flag hosts in Pakistan, Bihar. There is no Muslim in the village
देश-दुनिया की ताज़ा ख़बरों से अपडेट रहने के लिए Oneindia Hindi के फेसबुक पेज को लाइक करें
For Daily Alerts
तुरंत पाएं न्यूज अपडेट
Enable
x
Notification Settings X
Time Settings
Done
Clear Notification X
Do you want to clear all the notifications from your inbox?
Settings X
X